विकासखंड भदौरा के ग्राम सभा बारा के गंगा नदी के तटपर नमामि गंगे योजना के तहत निर्माणाधीन मुक्तिधाम सात साल में पूरा नहीं हुआ। सिर्फ दीवार बनाकर 16 लाख रुपये हड़प लिए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने सालों में मुक्तिधाम न बनने का जिम्मेदारों ने संज्ञान तक नहीं लिया।
शासन से वर्ष 2014-15 में मुक्तिधाम के लिए 16 लाख रुपये शासन से स्वीकृत हुए थे। इसके बाद वहां निर्माण कार्य शुरू हो गया, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। अधूरा निर्माण बीच में छोड़ कार्यदायी संस्था ने हाथ खड़े कर दिए। पिछले सात साल बाद भी मुक्तिधाम का उपयोग ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए नहीं कर सके।
ग्रामीण अंतिम संस्कार खुले में गंगा नदी के तट पर करने को मजबूर हैं। अंतिम संस्कार के दौरान विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या तब बन आती है जब बरसात के दिनों में गंगा उफान पर रहती है।
ग्रामीण मुन्ना पांडेय, शिव गोविंद चौधरी, शिवकुमार यादव, अरुण उर्फ बचाई पांडेय, विजय यादव, पिंटू श्रीवास्तव, राजनारायण यादव, जवाहिर राम ने बताया कि शासन से मुक्तिधाम स्थल पर शेड, शौचालय व पानी के लिए सबमर्सिबल के लिए सोलह लाख रुपये अवमुक्त किया गया था, लेकिन ग्राम सभा ने अधूरा निर्माण छोड़ दिया। अब तक मुक्तिधाम परिसर की चारदीवारी कराकर गेट तक नहीं लगाया गया है। शेड आदि का कार्य भी पूरा नहीं किया गया है।
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद व ब्लाक के संबंधित कार्यालय में कई बार की, लेकिन ग्रामसभा सचिव रुके हुए निर्माण कार्य को पूरा नहीं करा सके। विकास खंड अधिकारी भदौरा राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि काफी पुराना मामला है। कार्य क्यों अधूरा है, इसकी जानकारी लेकर पूर्ण कराया जाएगा।