गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लॉक परिसर में लगे लाखों रुपए के यूकेलिप्टस के वृक्ष बिना किसी अनुमति व जिले के आलाधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना काट करके गायब कर दिए गए। लोगों ने कहा कि इन वृक्षों को ब्लॉक के अधिकारियों ने ही कटवाया है। लोगों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए। इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ब्लाक के अधिकारी व कर्मी कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं।
लोगों ने आरोप लगाया कि जिस तरह से इस कृत्य को अंजाम दिया गया है,निश्चित ही इसमें कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका संदेह के दायरे में है।लोगों ने कहा कि सरकार एक तरफ हरियाली बनाए रखने को लेकर जहाँ गम्भीर है। इसके लिए समय समय पर विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए सरकारी,निजी व अन्य कार्यालयों के परिसर, हाईवे सड़कों के किनारे लगवा रही है,ताकि एक तरफ पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके वहीं जिम्मेदार खुद सरकार के आदेश का माखौल उडाने में लगे हुए है।
लोगों ने तो यहाँ तक आरोप लगाए गये इसे काटने के लिए वन व पर्यावरण विभाग के अलावा जिले के आलाधिकारियों के सज्ञान में लाए बिना हरे पेडों को कटवा वहां से गायब कर दिया। हालांकि इसकी सच्चाई तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। रेवतीपुर खंड विकास अधिकारी सुरेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि फॉरेस्ट विभाग से अनुमति ली गई थी।
जमानियां वन क्षेत्राधिकारी वी.पी चौबे ने बताया कि इस यूको लिप्टस पेड काटने के बाबत हमसे या महकमें से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि मामला बेहद ही गम्भीर है,इसकी जानकारी उन्हें किसी के द्वारा नहीं दी गई,उन्होंने बताया कि पूरे प्रकरण की गहराई से छानबीन करा दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।