प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। यदि लक्ष्य बनाकर परिश्रम किया जाए तो सफलता आपके कदम चूमेगी। यह साबित किया है गाजीपुर जिले के भांवरकोल क्षेत्र के सुखडेहरा गांव निवासी डॉक्टर विकास कुमार राय ने। उनका चयन गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी), गोवा के साइबर सिक्योरिटी एवं डिजिटल फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है।
गौरतलब है कि यह विश्वविद्यालय भारत का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जो पूर्ण रूप से फॉरेंसिक विज्ञान के लिए समर्पित है। इससे पहले डॉक्टर विकास ने एमटेक(साइबर सिक्योरिटी) की पढ़ाई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रक्षा मंत्रालय के डिफेंस इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, पुणे से और पीएचडी (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) की पढ़ाई आईआईटी पटना से 2021 में पूरी की थी। डॉक्टर राय के शोध-पत्र कई अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। अप्रैल 2021 में इन्होंने कैलिफ़ोर्निया,अमेरिका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया है।
डॉक्टर विकास का पेटेंट भी प्रकाशित हो चुका है
साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में इनका एक पेटेंट भी प्रकाशित हुआ है। इससे पहले ये टाइम्स ऑफ इंडिया से सम्बद्ध बेनेट यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रहे थे। डॉक्टर विकास के पिता हरिशंकर राय एक सम्पन्न किसान और माता विद्यावती राय गृहिणी हैं। इन्होंने अपनी सफलत का श्रेय माता पिता, बड़े भइया रामाश्रय राय राष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी, भाइयों-बहनों तथा गुरुजनों को दिया है।