कर्मचारियों की मनमानी और अनुपस्थिति की शिकायतों के बाद डीएम की ओर से गठित निरीक्षण कमेटियों ने स्कूलों और अस्पतालों में निरीक्षण किया। एसडीएम समेत अन्य राजपत्रित अधिकारियों ने अस्पतालों में चिकित्सकों समेत स्टाफ की उपस्थिति जानी तो स्कूलों में विकास भवन के विभागाध्यक्षों ने हाजिरी भरी। जांच में लापरवाह कर्मचारी नदारत मिले तो जिसमें कई स्कूलों पर अवकाश की सूचना ही नहीं दी थी। वहीं कुछ ने फोन पर बीमारी का हवाला देते हुए कार्रवाई नहीं करने की गुहार लगाई।
जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के निर्देश पर परिषदीय विद्यालय सहित स्वास्थ्य केंद्रों की जांच की गयी थी। जिसमें बिना सूचना गायब मिले शिक्षक सहित चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है। शुक्रवार को इनका वेतन काटने का निर्देश सहित स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण में सहीं जवाब नहीं देने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जनपद में निरीक्षण के दौरान परिषदीय विद्यालय के 13 प्रधानाध्यापक, 40 सहायक अध्यापक, 28 शिक्षामित्र, चार अनुदेशक व एक रसोईया अनुपस्थित मिली थी। वहीं सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी निरीक्षण किया गया था। जिसमें एक चिकित्सक, एक नेत्र परीक्षक, दो स्टाफ नर्स, दो वार्ड ब्वाय, एक वार्ड आया, एक डार्क रूम सहायक, एक लिपिक, एक कोविड ऑपरेटर, एक कोविड लैब टेक्नीशियन, एक बीसीपीएम, एक एएनएम, एक एलटीएबी अनुपस्थित मिले है।
सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने बताया कि परिषदीय के कुल 86 शिक्षक सहित अन्य कर्मी व स्वास्थ्य विभाग के 14 चिकित्सक सहित स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित मिले थे। इनका एक दिन का वेतन रोकते हुए एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण का जवाब उचित नहीं मिलने पर लापरवाह कर्मचारियों को कार्रवाई की चेतावनी दी है।