गाजीपुर जनपद के जमानियां में रेल मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद दिसम्बर माह में ताड़ीघाट मऊ रेल परियोजना के शुभारंभ की उम्मीद नहीं दिख रही है। 14 किमी. लम्बी करीब 1200 करोड़ की लागत वाली निर्माणाधीन ताड़ीघाट मऊ रेल परियोजना के पूरा होने की निर्धारित अवधि पूरा होने में सिर्फ दो महीने बचे हैं। धीमी गति से काम चल रहा है, इससे दो महीने में परियोजना पूरी होती नहीं दिख रही है।
महकमे के अनुसार, इस महत्वपूर्ण परियोजना को विगत 2021 में ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था। लेकिन 2020 मार्च माह में कोविड संक्रमण के तेजी से पांव फैलाने के चलते यह विस्तारीकरण की परियोजना के समय से पूरा होने पर संकट के बादल मडराने लगे। इसके बाद पीएमओ कार्यालय ने इसे पूरा करने के लिए दिसंबर 2022 की तिथि निर्धारित की।
केन्द्र सरकार ने पहले चरण की 1200 करोड़ की इस परियोजना में अब तक करीब एक हजार करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी है। जिसमें से करीब 900 करोड़ को निर्माण कार्य के लिए खर्च किया जा चुका है।
विभाग ने 90 फीसदी काम पूरा होने की बात कही
कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड के अनुसार, पूरे परियोजना का करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शेष दस फीसदी कार्य अभी पूरा किया जाना है। सिटी से सोनवल तक डबल लाइन का यह काम मार्च तक पूरा कर इसे चालू करने की बात कही जा रही है। लेकिन धीमे रफ्तार के कारण यह संम्भव नहीं होता दिख रहा है।
बता दें कि अभी निर्माणाधीन रेल सह रोड ब्रिज के ऊपर व अंदर लाइटिंग, ट्रैक लिंकिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन आदि का कार्य किया जाना है। इसके अलावा रेल एप्रोच वायडक की कास्टिंग व पूरे 14 किमी. नये रूट पर ट्रेनों के संचालन के लिए विद्युतीकरण, सोनवल व घाट स्टेशन का निर्माण कार्य भी अभी आधा अधूरा है। इस संबंध में रेल विकास निगम लिमिटेड के सीपीएम विकास चंद्रा ने बताया कि अगले साल मार्च तक सोनवल से सिटी तक सिंगल लाइन को चालू कर दिया जाएगा। इसका कार्य तेजी से चल रहा है।