जमानियां क्षेत्र स्थित सुहवल स्थानीय गांव में रविवार की देर शाम को संत श्रीमानदास बाबा के तपोस्थली में धनुषयज्ञ व सीता स्वयंवर का आयोजन किया गया। जिसमें बाल कलाकारों द्वारा सजीव मंजन किया गया। नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के अंतिम दिन प्रभु श्रीराम जी द्वारा जनकपुर में सीता स्वयंवर के दौरान झटके में ही शिव धनुष को तोड दिया। जिसके बाद चहुंओर जयश्रीराम का उद्घोष होने के साथ ही श्रद्धालु पुष्प वर्षा करने लगे।
धनुष टूटने के बाद परशुराम व लक्ष्मण संवाद का भी बाल कलाकारों ने शानदार मंचन कर सबको भाव विभोर कर दिया। इसके पूर्व इस सीता स्वयंवर में एक से एक महारथी ने शिव धनुष को तोड़ने की कोशिश की मगर उसे उठा तक नहीं सके। इस दौरान राजा जनक व लक्ष्मण संवाद का भी आयोजन किया गया। इस दौरान इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में दूर दराज गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।
रविवार रात कथा का था अंतिम दिन
कल कथा के अंतिम दिन वाचक जय गोपाल महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान मानव को पतन की ओर अग्रसर होने से रोकता है। भौतिकता के कारण इंसान के अंदर जो अंधकार उत्पन्न हुआ है, उसे अध्यात्म के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता है। इस धनुषय मेले में दुकानें पूरी तरह से सज चुकी हैं। गैर जनपदों दुकानदार, झूला,सर्कस,तमाम विभिन्न तरह के दुकाने लगी है। जहां मेले में आए लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से थे अच्छे इंतजाम
मेले में अंतर्राज्यीय चेतक प्रतियोगिता व विराट कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन सुनिश्चित है। यह मेला आगामी दो दिनों तक चलेगा। मेले में सुरक्षा की दृष्टिगत प्रभारी निरीक्षक तारावती यादव, रेवतीपुर थानाध्यक्ष प्रशांत चौधरी कई थानों की फोर्स, एक प्लाटून पीएसी, एलआईयू समेत सादे वेश में महिला व पुरूष आरक्षी पूरी तरह से मुस्तैद रहे।