गाजीपुर में पुलिस विभाग के साइबर सेल द्वारा साइबर अपराध के पीड़ितों के कुल 652500 रुपए वापस कराने में सफलता प्राप्त हुई। पैसे वापस मिलने पर पीड़ितों ने खुशी जाहिर की है।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि साइबर अपराध के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत अवैध ट्रांजेक्शन होने की शिकायतो पर साइबर सेल टीम की विवेचना में अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी / मर्चेन्ट को मेल पत्राचार कर एवं दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई एवं आवश्यक कार्यवाही की गयी।
जिसके फलस्वरुप कुल 06 ऑफलाइन / ऑनलाईन पीड़ितों के प्राप्त प्रार्थना पत्रो पर कार्यवाही करते हुए आवेदकों की गाढ़ी कमाई के कुल 652500रुपये को खाते वापस कराया गया। जिनमें प्रणव विक्रम सिंह के रु20000, रामचंद्र प्रसाद के रू20000, सुशील कुमार के रू49500, मोहम्मद नसीम के रू20000, दयाशंकर के रु40000 तथा मनोज के रू503000 वापस कराए गए।
ऐसे बनाए जाते है शिकार
साइबर ठग लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउण्ट हैक होने व कार्ड बंद होने का डर दिखाकर जानकारी कर लेतें हैं, किसी को एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर ठगी का शिकार बना लेते हैं।
साइबर क्राइम से बचने के लिए बरतें सावधानियां
- कभी किसी मेसेंज पर विश्वास नहीं करे।
- बैंक के संबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
- फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नही करे।
- अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नहीं करे।
- फेसबुक या अन्य किसी सोशलमीडिया पर अनजान लोगों के साथ विडियो कॉलिंग न करें।
- अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन न करें।
- रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर एनीडेस्क, क्विक सपॉट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे।
- पैसे की प्राप्ती करने हेतु कभी भी एमपिन या यू०पी०आई० पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।