वैसे तो प्राचीन भारत में डाइनिंग टेबल नहीं होती थी। लोग भूमि पर चटाई, कुश आसन या पाट बिछाकर ही बैठते थे। इसी के साथ भोजन को वे भोजन कक्ष में ही खाते थे।
आजकल डाइनिंग टेबल का प्रचलन है यानी अब लोग टेबल कुर्सी पर बैठकर ही खाते हैं। आओ जानते हैं कि फेंगशुई या वास्तु के अनुसार डाइनिंग टेबल कैसी होना।
- लकड़ी की हो डाइनिंग टेबल: डाइनिंग टेबल लकड़ी की होना चाहिए। लकड़ी भी शीशम, आम, अखरोट या सागवान की होना चाहिए।
- वर्गाकार या आयातकार: वास्तु के डाइनिंग टेबल चौकोर या आयताकार होना चाहिए। हालांकि फेंगशुई में गोल आकार वाली डाइनिंग टेबल को शुभ माना जाता है।
- सम संख्या में हो कुर्सियां: इस टेबल के लिए सम संख्या में कुर्सियां लगाएं। इसके घर में होने से गृहकलह नहीं होती है। इससे घर के सदस्यों में आपसी सामंजस्य और सौहार्द बना रहता है।
- इस दिशा में रखें डाइनिंग टेबल: डाइनिंग टेबल मकान में पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। यह डाइनिंग टेबल के लिए सबसे उचित स्थान होता है। अगर इस दिशा में इसे स्थापित न कर सकें तो पूर्व दिशा भी उपयुक्त है।