सैदपुर नगर स्थित महिला अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा के कारण बीते कई वर्षों से बदहाली का शिकार बना हुआ है। इसकी बदहाली का आलम यह है कि यहां ना तो पानी की बेहतर सुविधा है और ना ही प्रकाश की व्यवस्था है। बिजली कट जाने पर यहां मरीजों को न पानी मिल पाता है और ना ही रोशनी। इस कारण यहां गर्भवती महिलाओं का प्रसव मोमबत्ती की रोशनी में कराया जाता है। लेबर रूम में हैंडपंप से बाल्टी भर कर पानी लाया जाता है।
दशकों पूर्व से सैदपुर नगर में संचालित महिला अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा के कारण आज ढिबरी युग जैसे माहौल में संचालित हो रहा है। जिसके कारण यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को बेहद विषम परिस्थितियों में प्रसव कराना पड़ रहा है। बिजली कट जाने पर मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल से प्रकाश कर, यहां महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। ओवरहेड टैंक वर्षों से टूटा पड़ा है। जिसकी वजह से बिजली रहने पर ही यहां की टोंटियो से डायरेक्ट पानी की आपूर्ति हो पाती है। अन्यथा हैंड पंप से पानी भरकर लेबर रूम में लाना पड़ता है।
महीनों से खराब है पड़ी है इनवर्टर की बैटरी
चिकित्सालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। वार्डों सहित पूरे चिकित्सालय में छतों से पानी टपकता है। इस चिकित्सालय को देखकर एक बार तो लोगों को यकीन नहीं होता कि सैदपुर नगर के बीचो बीच इस तरह का कोई चिकित्सालय संचालित हो रहा है। बिजली कट जाने पर प्रकाश के लिए चिकित्सालय में इनवर्टर और बैटरी की सुविधा है। लेकिन बीते कुछ महीनों से बैटरी के खराब हो जाने के कारण, विद्युत कटौती के दौरान यहां मोमबत्ती की रोशनी में प्रसव कराना पड़ रहा है।
सरकार को करना चाहिए व्यवस्था में सुधार
बीती रात महिला अस्पताल में सैदपुर के पौटा गांव निवासी रिजवान अहमद अपनी गर्भवती पुत्री प्रवीन बानो का प्रसव कराने पहुंचे थे। तभी प्रसव के ऐन पहले बिजली कट गई। रिजवान ने बताया कि बिजली कटने के बाद हमें बाहर से मोमबत्ती खरीदकर लानी पड़ी। जिसकी ढिबरी जैसी रोशनी में किसी प्रकार मेरी पुत्री का प्रसव कराया गया। अस्पताल की ऐसी दशा देखकर, प्रसव के लिए यहां आने का बड़ा अफसोस हुआ।सरकार को अस्पताल की व्यवस्था में सुधार हेतु आवश्यक कदम उठाना चाहिए।
अस्पताल में दुर्व्यवस्था के बावजूद नहीं जाते अधिकारी
सैदपुर नगर में ही उप जिलाधिकारी का आवास भी है। बावजूद इसके कभी भी अधिकारी ऐसी परिस्थिति में संचालित महिला हॉस्पिटल में निरीक्षण करने नहीं जाते हैं। मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर संजीव सिंह ने बताया कि बजट के अभाव के कारण, अस्पताल में नई बैटरी नहीं लग पाई है। इसके बजट के लिए उच्च अधिकारियों से बात की गई है। जल्द ही महिला अस्पताल में पानी और प्रकाश की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।