जमानियां क्षेत्र के नगर एवं अन्य ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार शाम एसडीएम ने बिना पंजीकरण व अवैध तरीकों से संचालित निजी अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने दो निजी अस्पतालों को सील कर उनके संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, पांच संचालकों को नोटिस जारी कर उन्हें दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का सख्त हिदायत दिया है।
दूसरे चिकित्सक द्वारा हो रहा था इलाज
एसडीएम भारत भार्गव ने बताया कि टीम में तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रवि रंजन शामिल थे। संयुक्त टीम सबसे पहले नगर स्थित स्टेशन के समीप संचालित अस्पताल हरिओम अस्पताल पहुंची। जहां संचालक अस्पताल बंद कर फरार हो गया। इस पर अस्पताल सील कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद टीम सिटी अस्पताल पहुंची, जहां गंदगी मिलने व दूसरे चिकित्सक द्वारा इलाज करते पाए जाने पर अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
इसके बाद एसडीएम की टीम सुहवल थाना क्षेत्र के ढढनी पहुंची, जहां मां शारदा अस्पताल के संचालक मौके से अस्पताल बंद कर फरार हो गए। इस पर टीम ने अस्पताल सील कर संचालक के खिलाफ मुकदमा कराया। फिर ढढनी में ही वैष्णवी के संचालक द्वारा संतोषजनक जबाब न देने पर उन्हें भी नोटिस जारी किया गया।
आधा दर्जन से ज्यादा अस्पताल को नोटिस
एसडीएम ने बताया कि इसके अतिरिक्त क्षेत्र में संचालित आधा दर्जन से अधिक अस्पतालों, पैथोलॉजी सेंटरों के संचालकों को नोटिस जारी कर दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न देने पर इन अस्पतालों को भी सील कर मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी। बिना पंजीकरण के अस्पताल व पैथोलॉजी संचालन किसी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। पकड़े जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
निजी अस्पतालों में मरीजों का होता है शोषण
इस कार्रवाई के चलते निजी नर्सिंग होम संचालकों, पैथोलॉजी सेंटरों के संचालकों को छापेमारी की भनक लगते ही अस्पताल का परदा गिरा इधर उधर फरार हो गए। लोगों ने बताया कि निजी अस्पताल संचालकों के द्वारा मरीजों व उनके परिजनों से इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण होता है। निजी अस्पताल में जाने से खर्च बहुत आते हैं, लेकिन जनता मजबूर होकर जाती है।