जमानियां क्षेत्र में स्थित सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव के लक्ष्य को पूरा करने में महकमे के पसीने छूट रहे हैं। स्वास्थ्य महकमा हर साल पचास फीसदी के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पा रहा है। अधिकतर स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव का आंकड़ा शून्य है। हालांकि सुविधाएं सभी केन्द्र पर उपलब्ध हैं, लेकिन प्रसव महज गिने चुने जगहों पर ही हो रहा है।
शासन द्वारा साल 2022/23 में जमानियां स्वास्थ्य महकमे को 13,521 संस्थागत प्रसव का लक्ष्य मिला है। जिनमें से पिछले सात माह में अब तक विभाग द्वारा मात्र 5,036 प्रसव ही कराए जा सके हैं। यानि कुल मिले लक्ष्य का अब तक महज 33.25 फीसदी ही है। जबकि शासन की तरफ से प्रतिदिन 11 संस्थागत प्रसव का लक्ष्य दिया गया है।
12 हजार से ज्यादा का मिला था लक्ष्य
प्रतिदिन लक्ष्य से काफी कम प्रसव होना निश्चित ही जिम्मेदारों की लापरवाही को उजागर करता है। महकमे के अनुसार, जमानियां में कुल आठ पीएचसी, 52 मातृ शिशु कल्याण उपकेन्द्र दो सीएचसी हैं, लेकिन कुछ गिने चुने जगहों पर ही प्रसव कराया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में 12,519 प्रसव का लक्ष्य मिला था, लेकिन 7,770 प्रसव ही कराए जा सके हैं।
ग्रामीण दुखन्ति देवी, लाची देवी,देवंती राजभर, प्रमीला, कविता, रानी आदि लोगों का कहना है कि महिला चिकित्सक के अभाव में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने में परेशानी आ रही है। अस्पतालों में महिला चिकित्सक नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सीएमओ बोले- लक्ष्य पूर्ति के दिए गए निर्देश
वहीं प्रसव केन्द्रों की दयनीय स्थिति के कारण महिलाएं निजी अस्पतालों में प्रसव कराने को मजबूर हैं। जहां उनके मजबूरी का फायदा उठा निजी संचालक महिलाओं का आर्थिक शोषण जमकर करती है। सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह ने बताया कि प्रसव के लक्ष्य की पूर्ति के निर्देश दिए गये हैं। बताया कि लापरवाह कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया गया है।