भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधाधिकरण के जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र स्थित गंगा नदी पर बन रहे रेल सह रोड ब्रिज के दोनों तरफ वाहनों के लिए 347 करोड़ की लागत से करीब ढाई किमी लंम्बे फोर लेन के एप्रोच वायडक (वाहनों के लिए) का निर्माण पांच साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। जिसके चलते अब लोगों में इस बात की उम्मीद टूटती नजर आ रही है कि शायद ही भविष्य में जल्द लोगों को इस निर्माणाधीन पुल पर वाहन फर्राटा भरते दिखाई दें।
लोगों ने बताया कि सबसे हैरानी की बात तो यह है कि एनएचएआई के द्वारा अभी तक इस बाबत जमीन का सर्वे तक शूरू नहीं किया गया है। इसको लेकर कई बार अधिकारी कार्रवाई को लेकर चेतावनी भी दे चुके हैं। बावजूद सम्बन्धित महकमा जल्द निर्माण शुरू करने के केन्द्र सरकार के आदेश को ताक पर रखे हुए हैं।
टेंडर की प्रक्रिया अभी तक अधूरी
राजेन्द्र प्रजापति, रामबचन सिंह, अनिल पासवान, जमील खां, सुदर्शन शर्मा, तेजू बिन्द आदि ग्रामीणों के मुताबिक इसके निर्माण शुरू करने से पहले महकमें के द्वारा जमीन का सर्वे, अधिग्रहण से संम्बन्धित प्रकाशन के उपरांत टेंडर की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है। ग्रामीणों ने मांग किया कि इस एप्रोच वायडक के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शूरू की जाए, ताकि इसका निर्माण पूरा होने के बाद इसका लाभ क्षेत्रीय लोगों सहित पडोसी राज्य बिहार व पडोसी जनपद चंदौली से होकर आने वाले वाहनों सहित अन्य तमाम लोगों को मिल सकता है।
14 नवंबर 2016 को पीएम ने रखी थी आधारशिला
लोगों के मुताबिक दशको से यह मांग रही कि गंगा नदी डबल डेक का रेल सह रोड ब्रिज व वाहनों के लिए पुल के दोनों तरफ एप्रोच का निर्माण किया जाए, ताकि विकास ,रोजगार ट्रांसपोटेशन आदि के क्षेत्र में अमूलचूक बदलाव हो सके। मालूम हो कि 14 नवंबर 2016 को इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने रखी थी। एनएचएआई वाराणसी के परियोजना निदेशक आरएस यादव ने बताया कि बहुत जल्द सर्वे का काम शुरू कर, जमीन अधिग्रहण व टेंडर के बाद निर्माण शुरू होगा।