गाजीपुर के जमानियां नगर और ग्रामीण अंचलों में शासन के तमाम प्रयासों के बाद भी पशुपालन विभाग की लापरवाही से पशुओं में लंपी स्किन डिजीज से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का कार्य काफी सुस्त है। इसके चलते जमानियां इसमें फिसड्डी साबित हो रहा है।
शासन की तरफ से लगातार लंपी वायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के रफ्तार बढ़ाने और लक्ष्य पूरा करने के लिए तमाम दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि पशुओं में यह बीमारी को फैलने से रोका जा सके, पर महकमा वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ा पाने और मिले लक्ष्य को पूरा करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है।
14.35 फीसदी पशुओं का हो सका वैक्सीनेशन
जमानियां में 1 लाख 60 हजार पशुओं को लंपी वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित है, जबकि अभी तक महकमें की तरफ से मात्र 23 हजार पशुओं को ही टीका लगाया जा सका है। जो कुल मिले लक्ष्य का14.38 फीसदी ही लगा है। लोगों ने बताया कि करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाले इस जमानियां में कुल छह पशु अस्पताल हैं। इसके बाद भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया काफी धीमी है।
विभाग नहीं बढ़ा पा रहा रफ्तार
हरिपाल, अविनाश, दीपक सिंह, आशुतोष, राम सिंह कैप्टन हीरा आदि पशुपालकों ने बताया कि वैक्सीन की उपलब्धता होने के बाद भी लक्ष्य की पूर्ति और वैक्सीनेशन की रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि, जमानियां में अभी तक इस वायरस के लक्षण पशुओं में नहीं मिले हैं, लेकिन शासन के निर्देश के बावजूद लंपी वायरस से बचाव को लेकर जागरूकता सहित वैक्सीनेशन में महकमा लापरवाह बना हुआ है।
लक्षण दिखें तो पशु चिकित्सक से करें संपर्क
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिव कुमार ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर टीम गठित है। इसको लेकर तमाम दिशानिर्देश दे दिए गये हैं। बताया कि बीमारी से बचाव के लिए पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। इस वायरस के प्रभाव में आने के बाद पशुओं का वजन कम हो जाता है। इसके साथ ही लार निकलना, आंख-नाक का बहना, दूध कम होना भी लंपी रोग के वायरस संक्रमण की लक्षणों में शामिल है। वायरस के प्रभाव से पशुओं के शरीर पर अलग-अलग तरह की गांठे मिलती हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर पशुपालक को तत्काल पशु चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए।