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सरकारी रिकॉर्ड से गायब स्कूल में पढ़ रहे 190 बच्चे, प्रिंसिपल-अफसरों के विवाद में पिस रहे बच्चे

गाजीपुर (Ghazipur) में एक ऐसा विद्यालय सामने आया है जो अधिकारियों के अनुसार 2020 से ही अस्तित्व विहीन हो चुका है। बावजूद इसके आज भी उस विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। जबकि एबीएसए का कहना है कि मार्च 2020 के बाद से इस विद्यालय को दूसरे विद्यालय में विलय कर दिया गया है।

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सदर क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल विशेश्वरगंज जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार में मॉडल इंग्लिश प्राइमरी स्कूल बनाया गया था। इसके मौजूदा समय में हालात यह हैं कि पिछले 2 सालों से इस विद्यालय के लिए मिलने वाली ग्रांट पर रोक लगा दी गई है। छात्रों को एमडीएम भी मयस्सर नहीं हो पा रहा।

2 साल से यूनीफॉर्म का पैसा भी नहीं मिल रहा

इतना ही नहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाले 190 छात्रों को पिछले 2 सालों से ड्रेस का पैसा भी उनके अभिभावकों के खाते में नहीं जा रहा है। यह बताते हुए विद्यालय के छात्रों ने बताया कि उनके टीचर के द्वारा दोपहर के भोजन का प्रबंध किया जाता है।

2 साल से नहीं मिल रहा बजट स्कूल के प्रधानाचार्य अरविंद उपाध्याय ने बताया, " यहां के विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत कर इस विद्यालय को मिश्र बाजार विद्यालय से ऐड कर दिया है। जिसके चलते पिछले 2 साल से किसी भी तरह का बजट विद्यालय को प्राप्त नहीं हो रहा है जबकि आज भी विद्यालय में विशेश्वरगंज प्राथमिक विद्यालय के नाम से छात्रों का एडमिशन किया जा रहा है और छात्र प्रतिदिन पढ़ने भी आ रहे हैं।"

एबीएसए नहीं बता सके संचालन का कारण

एबीएसए अविनाश राय ने बताया, " मार्च 2020 के बाद से ही इस विद्यालय को मिश्र बाजार विद्यालय ने विलय कर दिया गया है लेकिन वहां के प्रधानाचार्य आज भी विद्यालय को संचालित कर रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय का यूएसआईडी कोड भी समाप्त कर दिया गया है।"

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