गाजीपुर साइबर सेल द्वारा साइबर अपराध के चार पीड़ितों के कुल 917990 रुपये वापस कराने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। अपर पुलिस अधीक्षक नगर गोपीनाथ सोनी ने बताया कि आवेदक सत्येन्द्र चौहान निवासी रायपुर थाना-मरदह के द्वारा अपनी शिकायत में बताया गया था कि उनकी बहन सुमित्रा चौहान के खातें से कुल-रूपये 760000 का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है। शिकायत पर साइबर सेल टीम ने अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी/मर्चेन्ट को जरियें मेल पत्राचार कर एवम् दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने और ट्रांजेक्शन की जानकारी हासिल की ही। कार्रवाई के फलस्वरूप पीड़ित की गाढ़ी कमाई के 7 लाख रुपए को खाते में वापस कराया गया।
इसके अलावा इसी तरह के 03 ऑफलाइन/ऑनलाइन प्राप्त प्रार्थाना पत्रो पर कार्रवाई करते हुए पीड़ितों की गाढ़ी कमाई के कुल रूपये 217990 को खातें में वापस कराया गया। जिनमें धर्मेन्द्र निवासी सौरम थाना नन्दगंज के रू.171514, सुबाष यादव निवासी बेलवा रसूलपुर देवकठीया थाना जंगीपुर के रू.40476 सुशान्त श्रीवास्तव निवासी ददरीघाट थाना कोतवाली के रू.6000 वापस कराए गए।
ऐसे बनाए जाते हैं शिकार
साइबर ठगों द्वारा लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउण्ट हैक होने व कार्ड बंद होने का डर दिखाकर जानकारी कर लेतें हैं, किसी को एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर ठगी का शिकार बना लेतें हैं।
साइबर फ्राड से बचने के लिए बरतें सावधानीयां
- कभी किसी मैसेंज पर विश्वास नहीं करें।
- बैंक के सबंध में कोई भी मैसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
- फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का पालन कतई नहीं करें।
- अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करें।
- फेसबुक या अन्य किसी सोशल मीडिया पर अनजान लोगों के साथ विडियो कॉलिंग न करें।
- अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना करें।
- रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नहीं करें।
- पैसे की प्राप्ति करने हेतु कभी भी एमपिन या यूपीआई पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।