गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र में सूर्य आराधना का पर्व डाला छठ की शुक्रवार से शुरुआत हो गई। यह 28 से 31 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा। नहाए खाए के साथ 28 तारीख से यह महापर्व शुरू हो जाएगा। 29 को खरना और उसके बाद निर्जला व्रत रख भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा।
इस व्रत में जल स्रोत जैसे कि पोखर, तालाब, नदी आदि में खड़े होकर व्रती में डूबते सूर्य और फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। व्रती छठ माता को प्रसाद अर्पित करते हैं। इसके लिए पोखर, तालाब या नदी के किनारे बेदी का निर्माण किया जाता है।
मुहम्मदाबाद में भी जल स्रोतों के किनारे श्रद्धालुओं ने बेदी बनाने का कार्य विगत कुछ दिनों से शुरू कर दिया है। वेदी निर्माण के साथ ही उस पर कुछ लोगों की ओर से अपना नाम इंगित कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि गंगा घाट पर उनके पूजा करने का स्थान पहले से तय रहें। बताते चलें कि छठ को लेकर नदी,पखरों ,तालाबों आदि पर हजारों की भीड़ एकत्र होती है। भीड़ में वेदी के स्थान को सुरक्षित करने के लिए दिवाली से ही बेदी का निर्माण करना शुरू कर दिया जाता है।इस कार्य में घर में पुरुष महती भूमिका अदा करते है।
क्षेत्र निवासी सुजीत बताते हैं कि उनकी मां विगत तीन दशकों से छठ की पूजा कर रही हैं। गुरुवार को उन्होंने भी अपने गांव के स्थित पोखरे पर जाकर वेदी बनाने में ग्रामीणों की मदद करने के साथ ही खुद के परिजन के पूजा के लिए भी बेदी बनाई है।रजेला गांव के रहने वाले धर्मेंद्र गौतम ने बताया कि उनके परिजन भी छठ पूजा करते है।ऐसे में उन्होंने भी पूजा की बेदी गांव के पोखरे के किनारे तैयार कर दी है।