गाजीपुर जिले में रावण दहन की परंपरा में नया बदलाव इस बार औड़िहार में रेलवे की वजह से होने जा रहा है। दरअसल औड़िहार रेलवे स्टेशन परिसर से बाहर इस बार रावण दहन होगा। इसकी वजह से लोगों में आक्रोश है। वहीं अधिकारियों ने स्टेशन के मुख्य गेट के पास बन रहे रावण के पुतले पर आपत्ति जताई थी।
रेलवे ने रावण के पुतले का दहन अपने परिसर में करने से इस बार साफ मना कर दिया। ऐसे में औड़िहार रेलवे स्टेशन परिसर में आयोजित रामलीला में इस बार विजयादशमी पर रावण दहन परिसर के बाहर होगा। यह परंपरा पिछले 70 वर्ष से चली आ रही है, लेकिन इस बार रोके जाने से लोगों में आक्रोश है। स्टेशन परिसर में अनुमति प्राप्त आयोजित रामलीला आयोजन के अंतिम दिन विजयादशमी पर रावण के विशाल पुतले को जलाया जाता है।
आरपीएफ अधिकारियों ने स्टेशन के मुख्य गेट के पास बन रहे रावण के पुतले पर आपत्ति जताकर रावण का पुतला अन्यत्र जलाने को निर्देशित किया। रामलीला के आयोजन समिति के सदस्य इस आदेश को मानने से इनकार करने लगे। आयोजक आशीष सिंह गुंजन ने कहा कि पिछले 70 सालों से यहीं रामलीला और रावण दहन का कार्यक्रम बिना किसी असुविधा या परेशानी के आयोजित हो रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन पर व्यवधान उत्पन्न करना सरासर गलत है।
विवाद बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कोतवाल सैदपुर और आरपीएफ अधिकारियों ने कार्यकम स्थल का दोबारा निरीक्षण कर रेलवे संपत्ति की सुरक्षा का हवाला देते हुए रावण के पुतले को परिसर के चहारदीवारी से बाहर लगाने का निर्णय लिया गया। रामलीला समिति, आरपीएफ और स्थानीय प्रशासन ने मिलजुल कर रेलवे परिसर के बाहर रावण की विशाल 51 फुट ऊंचा पुतला बनाने पर सहमति बन गयी। औड़िहार आरपीएफ प्रभारी सुमन कुमार ने बताया कि विभागीय आदेश के तहत रेलवे परिसर में अनुमति लेकर रामलीला मंचन किया जा रहा है। केवल रावण का पुतला बनाने या जलाने पर रोक लगाई गई है।