सैदपुर में बीते कई वर्षों से लगातार उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 का उल्लंघन होता आ रहा है। नियमानुसार बीते वर्षों से लगातार सैदपुर नगर में दुकानदारों द्वारा साप्ताहिक बंदी नहीं की जा रही है। जिसके कारण इन दुकानों पर काम करने वाले वर्करों और खुद दुकानदार के परिवारों को भी इसका दुष्परिणाम झेलना पड़ रहा है। वहीं साप्ताहिक बंदी लागू कराने के लिए जिम्मेदार श्रम विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बन वर्षों से तमाशा देख रहे हैं।
आवासीय दुकानदार बने साप्ताहिक बंदी में सबसे बड़ी बाधा
नगर के व्यापारियों में साप्ताहिक बंदी का मुद्दा कई बार पूर्व में उठाया जा चुका है, लेकिन आज तक सभी साप्ताहिक बंदी को लेकर एकमत नहीं हो पाए हैं। इसमें सबसे बड़ी बाधा वह दुकानदार हैं, जिनके दुकानों वाले भवन में ही उनका आवास है। वह आवास में आने जाने के बहाने अपनी दुकानें बंद नहीं करते हैं। जिसे देखते हुए नगर के अन्य दुकानदार भी साप्ताहिक बंदी से कतराते हैं। इस कारण नगर में साप्ताहिक बंदी वर्षों से नहीं हो पा रही है।
बंधुआ मजदूरों की तरह काम करने को विवश है वर्कर
जिसका खामियाजा इन दुकानों पर काम करने वाले वर्करों को उठाना पड़ रहा है। इन्हें मजबूर होकर बंधुआ मजदूरों की तरह काम करना पड़ रहा है। छुट्टी नहीं मिल पाने के कारण, वह अपने घर के जरूरी काम भी पूरे नहीं कर पा रहे है। जबकि साप्ताहिक अवकाश उनका अधिकार है। कहने को नगर में उद्योग व्यापार मंडल और उद्योग व्यापार समिति जैसे संगठन सक्रिय हैं। लेकिन यह संगठन भी साप्ताहिक बंदी कराने में अब तक पूरी तरह फेल साबित हुए हैं।
पिता नहीं दे पा रहे हैं बच्चों को समय, उनमें पनप रहा है तनाव और चिड़चिड़ापन
साप्ताहिक बंदी नहीं हो पाने के कारण इसका सबसे ज्यादा दुष्परिणाम कामगारों और दुकानदारों के परिवार को उठाना पड़ रहा है। इनके घरों के बच्चें और महिलाएं छुट्टी के दिन भी घर के मुखिया, अभिभावक और माता पिता के साथ समय नहीं बिता पा रहे हैं। रविवार के दिन बच्चे और महिलाएं अपने घर के पुरुषों के साथ कहीं बाहर घूमने फिरने आदि दिमाग को स्वस्थ रखने वाले मनोरंजक कार्यक्रमों से भी दूर होते जा रहे हैं। जिससे बच्चों में तनाव और चिड़चिड़ापन तेजी से पांव पसार रहा है।
श्रम इंस्पेक्टर ने कहा जांच कर होगी कार्रवाई
उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रहलाद दास जायसवाल ने बताया कि इसके लिए कई बार प्रयास किया गया। लेकिन कुछ दुकानदार साप्ताहिक बंदी करने से इनकार करते हुए, झगड़ा करने लगे। वहीं कुछ लोग जिनके घरों में ही जिनकी दुकानें हैं, वह भी साप्ताहिक बंदी में बाधा है। उद्योग व्यापार समिति के अध्यक्ष विकास बरनवाल ने बताया कि साप्ताहिक बंदी के लिए हमारी समिति द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई है।श्रम इंस्पेक्टर पूर्ति यादव ने बताया कि सभी व्यापारिक संगठनों से साप्ताहिक बंदी अंतर्गत, रविवार को दुकानें बंद करने के लिए कहा गया था। जो भी दुकानें नहीं बंद हुई हैं, जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।