गंगा का जल स्तर एक बार और बढ़ने लगा है। इसके कारण गंगा व वरुणा किनारे निचले हिस्से में अवैध रूप से रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ गई है। रविवार को जब जलस्तर बढ़ा तो एक बार फिर अधिकतर घाटों का संपर्क टूट गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा में 20 मिमी प्रति घंटा की दर से बढ़ाव हो रहा है। सुबह आठ बजे तक 24 घंटों में 10 सेमी जलस्तर बढ़ा था।
मालूम हो कि कुछ दिन पहले गंगा में बाढ़ आने के कारण लोगों की मुसीबतें बढ़ गई थी। निचले हिस्से में रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर शरण लेनी पड़ी थी। अगर जलस्तर में बढ़ाव इसी तरह जारी रहा तो फिर से स्थिति खराब हो सकती है। इसे लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दी है। सभी विभागों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है। नांव संचालन को लेकर भी प्रशासन काफी गंभीर है। हालांकि कुछ नांव संचालक बिना लाइफ जैकेट के ही लोगों को बैठा रहे हैं। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो स्थिति खराब हो सकती है।
बाढ़ प्रभावित किसानों को मिला स्वीकृत पत्र
योगी आदित्यनाथ ने बीते अगस्त माह में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित ग्रामों में फसल क्षति का सर्वे कराकर कृषकों को कृषि निवेश अनुदान प्रदान करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशो के अनुपालन में रविवार को तहसील सदर के ग्राम रैपुरा व राजातालाब के करसड़ा तथा शहंशाहपुर में बाढ़ प्रभावित कृषकों को स्वीकृति प्रमाण पत्र वितरित किए गए। धनराशि सत्यापन के उपरांत सीधे खाते में भेजी जा रही है। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर अधिकतम 13,500 रुपया प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा देय है। सदर में प्रभावित 77 गांव में 3738.23 हेक्टेयर राजातालाब में 22 गांवों में 660.33 हेक्टेयर भूमि प्रभावित है।