नसीरपुर हसनपुरा गांव को जाने वाले पुलिया का पिछले कई महीनों से एप्रोच क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। मजबूरी बस ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुलिया से आवागमन करने को विवश हो रहे हैं। बाढ़ के दौरान लोगों को आश्वासन मिला कि जल्द ही पुलिया का वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाएगा। लेकिन बाढ़ जाने के बावजूद अभी तक पुलिया का अप्रोचिंग ठीक ना किए जाने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।
रेवतीपुर विकासखंड के हसनपुरा, अठहठा, नसीरपुर मार्ग पर स्थित पुलिया का एप्रोच पिछले कई महीनों से क्षतिग्रस्त हो गया है। शिकायत के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं कराई गई, जिससे आवागमन बाधित है। इसकी वजह से क्षेत्रीय लोगों को रेवतीपुर, नवली, उतरौली, भदौरा, करहिया होते हुए आवागमन करना पड़ रहा है। जबकि इस मार्ग के दर्जनों गांव जुड़े हुए हैं और पूर्व में प्रतिदिन दर्जनों छोटे-बड़े वाहनों के अलावा आम राहगीर पैदल व बाइक, साइकिल सवारों का आवागमन बना रहता है।
वैकल्पिक मार्ग की भी नहीं कराई गई व्यवस्था
विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का आवागमन बना रहता है। बावजूद क्षतिग्रस्त पुलिया को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। ग्रामीणों ने चेताया कि अगर जल्द इसकी मरम्मत नहीं हुई तो लोग सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। विभाग की ओर से पुलिया के दोनों तरफ पुलिया क्षतिग्रस्त है का बोर्ड लगाया गया है। लेकिन बावजूद इसके अभी तक वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था नहीं कराई गई है।
1996 में बनी थी पुलिया
वर्ष 1996 में तत्कालीन सांसद ने क्षेत्रीय ग्रामीणों की मांग पर इस पुलिया का निर्माण के साथ-साथ लगभग 2 किलोमीटर हसनपुरा नसीरपुर गांव तक सड़क बनवाने का कार्य किया था। जिससे की क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में सुविधा हो सके। इसको लेकर कई बार भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सुजीत राय ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जिला मुख्यालय पर जाने का रास्ता बंद
ग्रामीण ऋषिकेश राय, जवाहिर राम, विजेंद्र राम, भवन राम, संतोष राय, राजेंद्र गुप्ता, संतोष चौरसिया आदि ने कहा कि तहसील मार्ग से मुख्यालय पर जाने का रास्ता बंद है। पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पुलिया की जल्द मरम्मत कर आवागमन लायक बना दिया जाएगा।