गाजीपुर (Ghazipur) में भारी सुरक्षा के बीच बृजेश सिंह आज गाजीपुर कोर्ट (Ghazipur Court) में 21 साल पुराने बहुचर्चित उसरी चट्टी हत्याकांड मामले में पेशी हुई। बृजेश सिंह के अदालत में पहुंचते ही दो दशक पुरानी वारदात का वह दौर लोगों के जेहन में फिर से ताजा हो गया।
इस चर्चित मामले को लेकर अदालत परिसर में कड़ी चौकसी के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई थी। चप्पे- चप्पे पर पुलिस का पहरा था। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम /एमपी/एमएलए कोर्ट रामसुधार सिंह की अदालत में अभियोजन की तरफ से गवाह रमेश राम की गवाही पहले ही दर्ज कराई जा चुकी है जिस पर आज बहस हुई।
स्वचालित हथियारों से काफिले पर किया था हमला
मालूम हो कि 15 जुलाई 2001 को उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी के काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी थी। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं घायल रुस्तम उर्फ बाबू की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
हमलावरों में भी एक की हुई थी मौत
हमलावरों में से भी एक की मौत हो गई थी। उसरी चट्टी हत्याकांड की चर्चा उस वक्त पूरे प्रदेश में छाई रही थी। मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के बाद पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया। इसमें से दो आरोपियों की विचारण के दौरान मौत हो गई।