गाजीपुर के जमानियां तहसील के कालूपुर गांव सहित कई अन्य जगहों पर कुल 13 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाने थे। इनमें से 11 का निर्माण पूरा हो गया है। जबकि 3 अभी तक हैंडओवर ही नहीं किए जा सके हैं। इन केंद्राें में अभी पेयजल, बिजली आदि की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई गईं हैं।
इसके कारण आने वाले नौनिहालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद विभाग मौन साधे है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह से जिम्मेदार लापरवाह बने हैं, उसके चलते सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है।
2016-17 में सरकार ने दी थी धनराशि
मालूम हो कि बीते 2016/17 वित्तीय वर्ष में ब्लाक के विभिन्न गांवों में 65 लाख की लागत से कुल 13 नए आंगनबाडी केन्द्र बनाए जाने के लिए शासन के द्वारा धनराशि दी गई थी। अधिकांश जगहों पर निर्माण पूरा हो गया, जबकि दो जगहों पर आज भी निर्माण शुरू नहीं हो सका है। जो बनकर तैयार हैं, उनमें से कई तीन अभी हैंडओवर भी नहीं हो सके हैं। दीवारों पर आज भी आगंनबाडी केंद्र संबंधित जानकारी अंकित नहीं की गई है।
3 हजार बच्चे कुपोषित
ब्लाक अन्तर्गत कुल 203 केन्द्र हैं। इन केन्द्रों में करीब 21 हजार नौनिहाल पंजीकृत हैं। बाल विकास विभाग के 31 केन्द्र खुद के भवन में हैं। जबकि 119 प्राथमिक, 12 माध्यमिक विद्यालय के अलावा 17 पंचायत भवन, जबकि 24 किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। ब्लाक में कुल तीन हजार के करीब कुपोषित जबकि 400 के आसपास अति कुपोषित बच्चे हैं।
लोगों ने मांग की कि अब तक निर्माण पूरा न होने के कारणों की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि विभाग गर्भवती माताओं, नौनिहालों को कुपोषण मुक्त रखने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि विभाग पुष्टाहार वितरण, टीकाकरण, वजन, गोद भराई कुपोषण मुक्त को लेकर अभियान चलाने का दावा कर रहा है।
सीडीपीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि भवनों में जल्द ही सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।जहां निर्माण शुरू नहीं हुआ है या अधूरा है। वहां जल्द काम पूरा कराया जाएगा। कुपोषण को दूर करने के लिए विभाग गम्भीर है।