अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने के कारण सोमवार को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। 26 साल पुराने इस मामले में विवेचना अधिकारी कृपाशंकर शुक्ल का बयान व जिरह बीते गुरुवार को हुई है। अब बाकी की गवाही के लिए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, एमपी एमएलए रामसुध सिंह की अदालत ने 19 सितंबर की तारीख नियत की है।
मालूम हो कि तीन अगस्त 1991 दिन में करीब एक बजे अजय राय अपने भाई अवधेश राय के साथ अपने वाराणसी स्थित मकान के गेट पर खड़ा था। इतने में एक सफेद रंग की मारुति वैन आई जिसमेें मुख्तार अंसारी सहित कुछ लोग मौजूद थे। गाड़ी से उतरे लोगों ने ताबड़तोड़ फायर शुरू कर दिया। सभी के हाथ में असलहे थे। इसके बाद सभी ने मारुति वैन से भागने का प्रयास किए।
जिस पर अजय राय ने भी अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायर किया । इसके बाद सभी लोग गाड़ी छोड़कर भाग गए। इसमें अवधेश राय को गोली लग गई थी। जिसे कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध थाना कोतवाली में साल 1996 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।