गाजीपुर जिले के जमानियां में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत ब्लाक परिसर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ खंड विकास अधिकारी ने किया। गुरुवार को ग्राम पंचायतों से राजस्व ग्रामवार पांच-पांच महिलाओं को पेयजल गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके तहत महिलाएं अपने गांव में पीने के पानी के जल श्रोतों से नमूना प्राप्त कर उसकी जांच करेंगी।
जल नमूनों की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया
जिला समन्वयक राजाराम सिंह ने महिलाओं को गांव के पेयजल नमूनों को फिल्ड टेस्ट किट के माध्यम से पेयजल की रासायनिक, जीवाणु और भौतिक जांच का प्रशिक्षण में नमूना लेना सिखाया। इसके साथ ही जांच करने की जानकारी दी। इस दौरान प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण में सभी को जल नमूनों की जांच करने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को उनके मोबाइल से जल जीवन मिशन एप डाउनलोड कराकर रजिस्ट्रेशन कराया गया।
महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट भी दी गई
इस मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के को-ऑर्डिनेटर कैपेसिटी बिल्डिंग एंड ट्रेनिंग राकेश कुमार सेन ने बताया कि जिले में पीने के गंदे पानी से बड़ी संख्या में बीमारियां फैल रही हैं। दूषित पेयजल से जल जनित बीमारियां हो रही है। इसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब यहां की महिलाएं इसका जिम्मा उठाने जा रही हैं। उन्होंने बताया कि गांव की महिलाओं को न सिर्फ इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है है। वहीं जल गुणवत्ता जांच के लिए सरकार उन्हें फील्ड टेस्ट किट भी दिया जा रहा है।
सैंपल की जांच करने से महिलाओं को मिलेगा रोजगार
बताया कि इन महिलाओं के हाथों में हथियार के रूप में फील्ड टेस्ट किट होगी। इससे ये महिलाएं पीने के पानी की जांच करेंगी। इसके लिए जिले में 13 हजार 295 महिलाओं को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव की महिलाएं वॉटर सैंपल की जांच करेंगी तो उनको रोजगार भी मिलेगा। महिलाओं को पानी के हर सैंपल की जांच के लिए 20 रुपए दिए जाएंगे।
पानी की गुणवत्ता जानने के लिए महिलाएं 11 तरह की जांच करेंगी। प्रशिक्षण के दौरान ज्योति ग्रामीण कल्याण संस्थान से मुरली मनोहर वर्मा, डीपीएमयू टीम के सभी पदाधिकारी एवं महिला समूह की अध्यक्ष सीमा मौर्य सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।