सितंम्बर महीने का अंतिम पखवारा समाप्त होने को है, मगर जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र अन्तर्गत शासन की ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार गंगा किनारे वाले गांवों में बाग लगा किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही तहसील क्षेत्र के गंगा किनारे मिट्टी का क्षरण रोकने और पर्यावरण को बेहतर बनाने की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है।
मालूम हो कि उद्यान विभाग को गंगा किनारे के गांवों में इस वर्ष 200 हेक्टेयर में बाग लगाने का लक्ष्य मिला था, मगर अभी तक मात्र 122 किसानों के द्वारा 62 हेक्टेयर में ही बाग लगाया जा सका है, शेष 138 हेक्टेयर में अभी तक बाग नहीं लगाए जा सके हैं, किसानों के अनुसार जबकि बाग लगाए जाने का अब अंतिम समय चल रहा है, ऐसे में नहीं लगता की उद्यान विभाग इस लक्ष्य को हासिल कर सकेगा।
उद्यान विभाग व्यापक पैमाने पर करें प्रचार
बैजनाथ, सोबिन सिंह, हीरा पटेल, वीरेन्द्र यादव, मोती, शिवबचन आदि किसानों का कहना है कि इसको लेकर अगर उद्यान विभाग व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार करें। साथ ही लगाए जाने वाले बाग का अगर बीमा की योजना लागू हो तो शायद किसान इसको लेकर तत्पर हों। मालूम हो कि महकमें के अनुसार बाग लगाने वाले किसानों को उद्यान विभाग की ओर से प्रति माह तीन हजार रुपये प्रति हेक्टेयर पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होने पर तीन वर्ष तक दिए जाने की योजना है।
किसानों को विभिन्न तरीके से किया जा रहा जागरूक
लोगों ने बताया कि योजना के साथ अनुदान बावजूद किसानों के द्वारा यह महत्वपूर्ण योजना पर दिलचस्पी न लेना निश्चित ही महकमें पर सवाल खड़े करता है, वहीं उद्यान विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि इसके लिए किसानों को विभिन्न तरीके से समय समय पर जागरूक किया जाता है। लगाए जाने वाले बाग में आम, आंवला, बेल, अमरूद आदि फलदार पौधे लगाने हैं। यही नहीं किसान बाग में सब्जी व औषधीय पौधे लगा सकते हैं।
जिला उद्यान अधिकारी डाक्टर शैलेंद्र देव दुबे ने बताया कि दो सौ हेक्टेयर के सापेक्ष में अभी तक 62 हेक्टेयर में गंगा किनारे बाग लगाए जा चुके हैं, शेष के लिए प्रयास जारी है।