सैदपुर क्षेत्र के 1 गांव निवासी अधेड़ महिला ने बीते बुधवार को मुंबई के एक चिकित्सालय में इलाज के दौरान अपना अंतिम संस्कार गांव में करने की इच्छा जताई थी। इसके 2 दिन बाद बीते बुधवार को महिला की मौत हो गई।
लेकिन मजदूर बेटे की माली हालत ठीक नहीं होने पर उसने सैदपुर के पूर्व विधायक सुभाष पासी की पत्नी अक्षर फाउंडेशन की अध्यक्ष रीना पासी से मदद की गुहार लगाया। इसके बाद अक्षर फाउंडेशन द्वारा गुरुवार की शाम को युवक की अधेड़ मां का शव, उसके साथ एरोप्लेन से पैतृक गांव भेजवाया गया।
गांव पर शव पहुंचते ही मृत महिला के परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। शोकाकुल परिजन शव से लिपट कर विलाप करने लगे। परिजनों ने नम आंखों से अक्षर फाउंडेशन की अध्यक्ष रीना पासी के प्रति आभार व्यक्त किया।
अक्षर फाउंडेशन के सहयोग से मां की अंतिम इच्छा पूरी
सैदपुर क्षेत्र के सिरगिथा गांव निवासी मनी चौहान मुंबई के मीरा रोड स्थित झोपड़पट्टी में रह कर, मजदूरी का काम करता है। कुछ दिनों पूर्व मां मीना देवी (52) की तबीयत ज्यादा खराब होने पर, वह घर आया और मां को इलाज के लिए लेकर मुंबई चला गया। जहां बसई रोड स्थित एक चिकित्सालय में इलाज के दौरान बीते बुधवार की दोपहर को मनी की मां मीरा देवी की मृत्यु हो गई। मौत से पहले मीरा ने बेटे से कहा था कि अगर उन्हें कुछ हो जाता है, तो उनका अंतिम संस्कार गांव पर ही किया जाए। गांव पर सूचना दिया, तो परिजनों ने शव को किसी तरह गांव लाकर अंतिम संस्कार करने की बात कही।
मुंबई से वाराणसी तक फ्लाइट से आया
और वाराणसी से एंबुलेंस के माध्यम से गांव पहुंचा शव आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मनी बेहद परेशान था। जिसके बाद कुछ लोगों ने उसे अक्षर फाउंडेशन की अध्यक्ष रीना पासी से मिलकर बात करने को कहा। तब मनी ने रीना पासी से मिलकर अपनी बात बताया। इसके बाद फाउंडेशन के सहयोग से मनी की मां मीरा देवी का पार्थिव शरीर निशुल्क फ्लाइट से मुंबई से वाराणसी स्थित बाबतपुर एयरपोर्ट और फिर वहां से एंबुलेंस के द्वारा गांव भिजवाया गया। मनी ने बताया कि मा जाने से पहले अंतिम इच्छा जताई थी। जिसे पूरा करने को लेकर मैं बहुत चिंतित था। लेकिन अक्षर फाउंडेशन ने शव घर तक पहुंचवाकर बहुत उपकार किया है।