खानपुर के घोघवा में मंगलवार की रात अपने दो बच्चों के साथ ट्रेन आगे कूदने वाली महिला बहाने से लेकर आई थी। तीसरा नहीं आया तो उसकी जान बच गई। महिला ने बच्चों को लेकर माइके जाने की बात कही और बाद में पटरी पर जाकर लेट गई। महिला का तीसरा पुत्र किसी तरह मां से हाथ छुड़ाकर भाग गया और घटना के बारे में परिजनों को बताया। बुधवार को पुलिस ने तीनों मृतकों का पोस्टमार्टम कराया।
रेलवे ट्रैक पर मां और भाईबहनों के कटकर मरने की दर्दनाक घटना मासूम ने परिजनों को सुनाई। सात वर्षीय अंगद ने बताया कि मां मुझे, बड़ी दीदी काजल और छोटे भाई अंगद का हाथ पकड़कर ट्रेन की पटरी पर लेटी थी। जैसे ट्रेन की आवाज सुनी हाथ छुड़ाकर पटरी के किनारे भाग आया। बड़ी दीदी और छोटे भाई को भी बुलाया, लेकिन मां ने सभी को डांट दिया।
वह मेरे साथ नहीं आए तभी ट्रेन आ गई, सभी उसमें दब गए। मां ने हमसे बताया था कि वह हमें लेकर ट्रेन से नानी के घर जाएगी। मृतक मीरा का मायका जौनपुर जनपद के चंदवक थाना अंतर्गत नरकटा गांव में है। जहां वह बच्चों से जाने के लिए कह रही थी। बता दें कि खानपुर घोंघवा में गांव निवासी मीरा (35) पत्नी गौतम मंगलवार की शाम लगभग 7:30 बजे अपनी 12 वर्षीय बेटी काजल, 7 वर्षीय पुत्र अंगद तथा 4 वर्षीय पुत्र अरुण को लेकर निकली। गांव के पास से गुजरने वाली जौनपुर औड़िहार रेलवे लाइन पर खड़ी हो गई।
तीनों बच्चों को बताया कि वह उन्हें ननिहाल लेकर जा रही है। मीरा को ट्रेन की आवाज सुनाई दी तो काजल, अंगद और अरुण का हाथ पकड़कर ट्रेन की पटरी पर लेट गई। घटना के बाद से ही मृतक महिला की ससुराल और मायके वालों का रो रो कर बुरा हाल है। उनके आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं। अंगद की सूचना पर पहुंचे परिजन घटनास्थल पर अपनों का क्षत-विक्षत शव देखकर कांप उठे। मीरा के ससुर शिवपूजन की तहरीर बुधवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया।