गाजीपुर जिले के जमानियां में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शासन की ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार खुले में शौच मुक्त को लेकर गावों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को भारत में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए और इसे 'खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए इसकी शुरुआत 2 अक्तूबर 2014 को किया गया। लेकिन आठ साल बीतने के बाद भी जमानियां में आज भी 11 सामुदायिक शौचालय निर्माणाधीन है।
ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच करने को विवश हैं। शासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों को ओडीएफ घोषित करने के लिए करीब आठ करोड़ की लगात से 130 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू कराया गया था, लेकिन आज तक शासन की मंशा पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
निर्माण पूरा होने के बावजूद नहीं किया गया हैंड ओवर
रमेश, राजेश, सलाउद्दीन, जितेन्द्र, रामदुलार, संजय आदि ग्रामीणों ने बताया कि जमानियां तहसील क्षेत्र के कुल 130 ग्राम पंचायतों में से 119 गावों में ही इसका हो सका है। इनमें से सभी 96 सामुदायिक शौचालयों को ही स्वयं सहायता समूह को हैंड ओवर किया जा सका है। जबकि शेष 23 के निर्माण पूरा होने के बावजूद उन्हें हैंड ओवर नहीं किया जा सका है।
अधिकतर शौचालयों पर लटक रहे ताले
ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह से सामुदायिक शौचालयों के निर्माण को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। नहीं लगता कि शासन कि खुले में शौच मुक्त कि यह मंशा पूरी हो सकेगी। ग्रामीणों ने बताया कि जिन शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है ,उनमें से आज भी अधिकतर पर ताले लटक रहे हैं।
कई गांवों में अभी भी शौचालय निर्माणाधीन
कई ऐसे शौचालय है, जो बनने के कुछ दिनों बाद ही बदहाली कि स्थिति में पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि रमवल, सोनवल, भिक्खिचौरा, सुगवलियां आदि गावों में शौचालय निर्माणाधीन है, जबकि जमानियां, पटकनियां, सुजानपुर आदि गावों में ताले लटके हैं। जो बदहाली की स्थिति पर पहुंच गए हैं।
एडीओ पंचायत जयप्रकाश पांडेय ने बताया कि निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालयों का निर्माण जल्द पूरा कर, इन्हें स्वयं सहायता समूह को हैंड ओवर कर दिया जाएगा, ताकि लोग खुले में शौच को न जाए।