शुक्रवार की दोपहर को सैदपुर क्षेत्र (Saidpur Area) में आधे घंटे तक मूसलाधार बरसात (Torrential Rain) हुई। जिसने एक तरफ सूख रही किसानों के धान की नर्सरी की सिचाई कर उन्हें नया जीवन दिया, तो दूसरी तरफ सैदपुर नगर पंचायत (Saidpur Nagar Panchayat) की लापरवाही से नगर में बाढ़ जैसे हालात हो गए। नालियों और शिविरों की सफाई नहीं होने के कारण, हर तरफ सड़क पर घुटनों तक जलभराव देखने को मिला। जिससे गंदे नाले के पानी के बीच से होकर राहगीरों को आना जाना पड़ा।
बीते गुरुवार को भी क्षेत्र में हल्की बरसात हुई थी। लेकिन शुक्रवार की दोपहर को क्षेत्र में आधे घंटे तक मूसलाधार बरसात हुई। जिससे नगर के पक्का घाट मार्ग पर घुटनों तक पानी जमा हो गया। यही हाल नगर के काली मंदिर मार्ग, पुराने पीपा पुल मार्ग, टाउन नेशनल इंटर कालेज मार्ग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय मार्ग, मेन रोड आदि स्थानों का भी रहा। जिससे राहगीरों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी।
ढक्कन युक्त नालियां बनी जल निकासी के लिए अभिशाप
नगर पंचायत की लापरवाही के कारण जल निकासी के लिए बनाए गए नगर के नालों और शिविरों की यह दशा रही, की आधे घंटे की बरसात के पानी को निकलने में ही घंटों लग गए। ढक्कन युक्त नालियों और जाम सीवरों के कारण मार्गो पर नाले का मल जल घंटों भरा रहा। पक्का घाट मार्ग पर स्थित मोहनलाल सरस्वती स्कूल के विद्यार्थियों, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं और घाट से स्नान कर लौट रहे लोगों को इसके बीच से होकर आना जाना पड़ा।
नगर पंचायत को कोसते रहे लोग
जिसके कारण जलभराव वाले मार्गो के अगल-बगल रहने वाले लोग और राहगीर स्थानीय नगर पंचायत को कोसते नजर आए। लोगों का कहना था कि नगर पंचायत ने नालियों को पूरी तरह ढकवा कर बहुत बड़ी गलती कर दी। इसके कारण नालियों की सफाई नहीं हो पा रही है। जिससे पानी की निकासी नहीं होने के कारण, मार्गों पर जल भराव हो रहा है। वर्षों से सीवरों की सफाई नहीं होने कारण, नगर का सीवर सिस्टम भी चौंक हो गया है।