जमानियां में रेडीनेस व बालवाटिका कार्यक्रम का समापन आज बेसिक विभाग की ओर से प्राथमिक विद्यालय सोनवल में किया गया। शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए ब्लाक के सभी स्कूलों में अप्रैल से सितंबर तक 12 सप्ताह तक इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान तीन महीने हुई गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।
नोडल शिक्षिका व प्रधानाध्यापिका डेजी शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले नवीन छात्र छात्राएं, अभिभावकों, आंगनबाडी की सहभागिता सुनिश्चित की गई थी। बाल मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से 80 प्रतिशत दिमाग का विकास छह साल की आयु तक हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए पहले प्राथमिक कक्षाओं व उनमें सीखने का आधार विकसित करना बहुत जरूरी है।
इन छात्रों को भी किया गया पुरस्कृत
रेडीनेस व बालवाटिका कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्नेहा, साहिल, अमन, विकास, प्रिंस, आनन्द, सियानी गुप्ता, पीयूष को सम्मानित किया गया।
प्रधानाध्यापिका ने बताया कि रेडीनेस कार्यक्रम के अनुसार हर प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों में एक शिक्षक को नोडल शिक्षक नामित करते हुए तीन आयामों पर गतिविधियां संचालित की जानी हैं। पहला, बच्चे अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखें। दूसरा, बच्चों का संप्रेषण प्रभावी हो और तीसरा बच्चे अपने काम से जुड़े रहने वाले शिक्षार्थी बनें और अपने निकटतम परिवेश से जुड़े रहें।
बच्चों के पिछड़ेपन को दूर करना प्राथमिकता
इस दौरान एआरपी संत कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारत के अंतर्गत पहले प्राथमिक कक्षा एक के पढ़ रहे बच्चों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए विद्यालय की तैयारी माड्यूल के अंतर्गत तैयारी कराकर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 1 अप्रैल 2022 से प्रारंभ किया गया। जिसे एक सितंबर से 15 सितंबर के बीच इसका समापन करना था।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत अभिभावक को जागरूक करने के लिए चाहत के माध्यम से मीटिंग, द्वितीय सप्ताह में बच्चों का पहला आकलन करना था और बारहवीं सप्ताह में दूसरा आकलन बच्चों का करना था।