अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम /एमपी/एमएलए कोर्ट रामशुध सिंह की अदालत ने 14 वर्ष पूर्व गैंगस्टर एक्ट के मामले में सांसद अफजाल अंसारी को 23 सितंबर को व्यक्तिगत उपस्थित होने का आदेश दिया है, अन्यथा गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा।
सांसद ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा डिस्चार्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर आरोप तय करने के लिए 6 सितंबर की तिथि नियत की थी। इसबीच सांसद ने उक्त आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में निगरानी दाखिल कर समय की माग की गई थी।
इधर एमपी-एमएलए कोर्ट में उक्त मामले की सुनवाई के दौरान सांसद के अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कि उच्च न्यायालय में लंबित निगरानी प्रार्थना पत्र की सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर 2022 नियत है। इस कारण मुकदमे की अग्रिम कार्यवाही होने तक स्थगित किया जाए। सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज कुमार श्रीवास्तव ने इसका विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि मुकदमा काफी पुराना है। उच्च न्यायालय से कोई स्थगन आदेश प्रदान नहीं है। न्यायालय ने आदेश पारित किया कि आरोप तय के लिए अफजाल अंसारी व्यक्तिगत रूप से 23 सितंबर को उपस्थित हो, अन्यथा उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा
सांसद ने आरोपमुक्त के लिए किया था आवेदन
22 नवंबर 2007 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने भांवरकोल और वाराणसी के मामले को गैंग चार्ट में शामिल करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर है। आरोप से मुक्त करने के लिए अफजाल अंसारी ने प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 1985 से 2001 तक विधायक रहे हैं। राजनैतिक छवि धूमिल करने के उद्देश्य से आरोपित बनाया गया है। इसके अलावा भी तमाम कारण देते हुए अपने को आरोप मुक्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।