गाजीपुर जिले के जमानिया क्षेत्र में यूपीपीसीएल के लापरवाही के चलते ताड़ीघाट मऊ नई रेल लाइन के (ऊपर से गुजरने वाला) दायरे में आने वाला एक लाख 32 हजार के ट्राशंमिशन लाइन के 15 करोड़ की लागत से उच्चीकरण व उसे शिफ्ट करने का काम एक साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। जबकि, यह कार्य पिछले वर्ष दिसम्बर में पूरा कर लिए जाने का समय निर्धारित था। लेकिन यह कार्य आज तक पूरा नहीं किया जा सका है। जिसके कारण नई रेल लाइन पर नये साल में होने वाले ट्रायल पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इसका टेंडर बीते 2021 अगस्त माह में हो चुका था। जिसके बाद इसे अगले दो माह में सितम्बर में इस काम को पूरा कर लिया जाना चाहिए था। इसमें कुल आठ नए गगनचुम्बी लोहे के टावर खड़ेकर इस ट्रांसमिशन लाइन को शिफ्ट किया जाना था। मगर, अभी तक साल भर में 50 फीसदी काम हो सका है। जिसको लेकर रेलवे के अधिकारी चिन्तित हो रहे हैं।
विभागीय अधिकारियों की देखरेख में चल रहा काम
ताडीघाट - मऊ रेल परियोजना के दायरे में आने वाली 1 लाख 32 हजार ट्रांसमिशन लाइन को शिफ्ट (उच्चीकरण ) के पहले दौर में पाइलिंग करने व फांउडेशन बनाने की प्रक्रिया के बाद टावर खड़ा करने का काम विभागीय अधिकारियों के देखरेख में चल रहा है।
यूपीपीसीएल द्वारा कराया जा रहा निर्माण
यह पूरा कार्य रेलवे के इलेक्ट्रिक विभाग की देखरेख में यूपीपीसीएल द्वारा किया जा रहा है। इसको लेकर पिछले महीने पीएमओ कार्यालय ने समीक्षा के दौरान अपनी नाराजगी भी जताई। जिसे पूरा करने के लिए सितम्बर 2022 की अन्तिम तारीख निर्धारित की है।
ट्रांसमिशन लाइन के अधिशासी अभियंता ने दी जानकारी
इलेक्ट्रिक विभाग के अनुसार यह पावर ग्रिड लाइन सोनवल ताडीघाट रेलवे लाइन के उपर से मेदिनीपुर हाईवे के उपर से हमीद सेतु के बगल में पूरब तरफ गंगा नदी के उपर से होते हुए झिंगुरपट्टी देहात से होते हुए विभिन्न जगहों पर यह ट्रांसमिशन लाइन जाती है। इस सम्बंध में ट्रांसमिशन लाइन के अधिशासी अभियंता डी. तुलसीराम ने बताया कि कार्य तेजी से चल रहा है। जिसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा।