पूर्वांचल में घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर उफान पर है। बलिया में घाघरा ने खतरा बिंदु को पार कर लिया है ओर उच्चत्तम लेवल की ओर बढ़ रही है। यहां गंगा के जलस्तर में भी पिछले चार दिनों से बढ़ाव जारी है। प्रमुख दोनों नदियों के बढ़ाव पर होने के बाद विशेषकर घाघरा वाले क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है। घाघरा का पानी मंगलवार को पेटे से निकलकर निचले इलाकों में फ़ैलने लगा है। आजमगढ़ में भी घाघरा ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। गांवों में पानी घुस गया है।
बलिया के तुर्तीपार गेज पर मंगलवार सुबह आठ बजे घाघरा का जलस्तर 64.650 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी खतरे के निशान 64.010 मीटर से 64 सेमी ऊपर बह रही है। घाघरा यहां अपने उच्चत्तम जल स्तर 66.00 मीटर से मात्र 1.35 मीटर ही दूर है, जबकि जलस्तर में एक सेमी प्रति घंटे से भी अधिक का बढ़ाव बना हुआ है।
पिछले 16 घंटे मे 20 सेमी की बृद्धि दर्ज की गयी है। उधर, गायाघाट गेज पर सुबह आठ बजे गंगा का जल स्तर 54.780 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी में एक सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। यहां चेतावनी विन्दु 56.615 मीटर व खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। उधर हाई लेवल की ओर बढ़ रही घाघरा के बाढ़ का पानी पेटे से निकलकर तुर्तीपार के दलित बस्ती, मल्लाह बस्ती आदि के निचले इलाकों में फ़ैलने लगा है।
वहीं आजमगढ़ में सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से काफी ऊपर है। नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के कई गांवों का संर्पक मार्ग डूब गया है। क्षेत्र के चक्की गांव सहित दो गांव नदी के पानी से पूरी तरह से घिर गए हैं। दोनों गांव पानी से घिर जाने की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा यहां पर चार नाव लगाई गई है। साथ ही बाढ़ चौकियों को सर्तक कर दिया गया है।
एडीएम वित्त/राजस्व आजाद भगत सिंह ने बताया कि चक्की सहित जिन दो गांव में नदी का पानी घुसा है। वहां पर चार नाव चलाई जा रही। साथ ही बाढ़ चौकियों को सर्तक कर दिया गया है। प्रशासन प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखते हुए सर्तक है। जिन लोगों को परेशानी हो रही है। उन्हें राहत शिविरों में जाने को कहा गया है।