गंगा में बुधवार से प्रति घंटा आठ सेमी बढ़ाव शुरू हो गया है, इसको लेकर तटवर्ती लोग सहमे हैं। सभी को भय है कि उन्हें दोबारा बाढ़ का सामना कराना न पड़ जाए। उधर सरयू के जलस्तर में भी वृद्धि का क्रम जारी है। तूर्तीपार में सरयू खतरा निशान से ऊपर बह रहीं हैं। गंगा का जलस्तर गायघाट में खतरा निशान से नीचे है, लेकिन नदी का पेटा भरते देख लोगों की चिंता बढ़ गई है।
दूबेछपरा में तटवर्ती लोगों ने बताया कि 2019 में 16 सितंबर को ही रंग बंधा टूटा था। इस बार नदी क्या करेगी, कुछ भी आकलन नहीं हो पा रहा है। कई स्थानाें पर लोग कटान को को लेकर भी लोग भयभीत हैं। रात में कटान तेज हो जा रहा है। विभाग को सूचना देने पर कहा जा रहा है कि बारिश के चलते यह बढ़ाव है। दो या तीन दिन के बाद से स्थिति सामान्य होने लगेगी, लेकिन पुराना इतिहास रहा है कि गंगा दशहरा तक इलाके में तबाही मचाती रहती हैं।
गंगा सरयू के जलस्तर कर स्थिति
गायघाट में गंगा का जलस्तर 56.320 मीटर दर्ज किया। एक दिन पहले जलस्तर 55.00 मीटर पर था। खतरा निशान 57.615 मीटर है। इस समय जलस्तर 1.295 मीटर नीचे है। तूर्तीपार में सरयू का जलस्तर 64.790 मीटर है। यह खतरा निशान 64.01 मीटर से 98 सेमी ऊपर है।
जलस्तर में वृद्धि देख सहमे किसान
गंगा में बढ़ाव के कारण रामगढ़ से लेकर दुबे छपरा तक कटानरोधी कार्यों के पास गंगा की धारा का दबाव बनने लगा है। किसान परवल और मटर की बोआई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन जलस्तर में वृद्धि देख सभी किसान चिंतित हैं। बाढ़ से क्षेत्र के किसान पहले ही भारी नुकसान का सामना कर चुके हैं। खरीफ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी नुकसान का सामना करना पड़ा है। यदि दोबारा पानी खेतों में पहुंचता है तो किसानों को दोगुना नुकसान सहना पड़ेगा।