सुहवल थाने परिसर में सोमवार को संघर्ष समिति ने पूर्व मध्य रेलवे दानापुर व जिला प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ चार घंटे की बातचीत की। यह बातचीत गहमर स्टेशन पर चार ट्रेनों के ठहराव को लेकर था। इस दौरान आंदोलनकारियों ने रेलवे को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया है।जिस पर आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।
वहीं, आंदोलनकारियों ने चेताया कि अगर उनकी ट्रेनों के ठहराव की मांगें पूरी नहीं हुई तो लोग दोबारा से आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे व प्रशासन की होगी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने तीन बसों में भरकर लाए गए करीब 150 आंदोलनकारियों को छोड़ दिया।
कोरोना कार के बाद बंद हुआ ट्रेनों का ठहराव
रेलवे और स्थानीय प्रशासन अभी एहतियातन सुरक्षा की दृष्टिगत स्टेशन,रेलवे ट्रैक व जगह जगह पर फोर्स तैनात किया है। ताकि किसी भी अपरिहार्य परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर निपटा जा सके। स्थानीयों ने बताया कि कोविड से पहले स्टेशन पर 19 जोड़ी विभिन्न मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर आदि का ठहराव होता रहता था, लेकिन रेलवे ने कोरोना के बाद ट्रेनों के ठहराव को बंद करा दिया।
इन ट्रेनों का नहीं होता है ठहराव
बताया कि वर्तमान समय में श्रमजीवी एक्सप्रेस, विभूति, बाम्बे जनता, पंजाब मेल आदि ट्रेनों का ही ठहराव महकमें द्वारा किया गया। जबकि मगध एक्सप्रेस, फरक्का,गरीबरथ और भगत की कोठी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव समाप्त कर दिया गया। सैनिक बाहुल्य एशिया के बड़े गांव की उपेक्षा किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोगों ने रेलवे के अधिकारियों पर इस स्टेशन की उपेक्षा का आरोप लगाया।
इस अवसर पर आरपीएफ दानापुर के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त प्रकाश पांडा, सीनियर डीसीएम सरस्वती चंद्रा, असिस्टेंट सिक्यूरिटी कमिश्नर सैयद निहाल खान, एडीएम अरूण कुमार सिंह, सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता,एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।