ढाई महीना बीत गया मगर गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र के बिहार को जोड़ने वाली ताड़ीघाट बारा नेशनल हाईवे पर विभागीय लापरवाही के चलते छह करोड़ की लागत से रेवतीपुर के समीप बनने वाली तीन पुलियों में से एक का भी निर्माण पूरा नहीं हो सका है, जिसके चलते राहगीरों सहित भारी माल वाहक वाहनों सात किमी की दूरी के बजाए बीस किमी अधिक दूरी तय कर उत्तरौली नगसर ढढनी से सुहवल होते हुए गाजीपुर की ओर आवागमन को विवश है।
कमलेश सिंह, अनिल मिश्रा, कन्हैया, संतोष, विनय, भगवती प्रसाद आदि ग्रामीणों के अनुसार बनने वाली एक पुलियां का निर्माण जुलाई माह में शुरू किया गया, जबकि दो अन्य पुलियों का निर्माण आज भी शुरू ही नहीं हो सका, बनने वाले इन पुलियों का निर्माण अगस्त माह तक पूरा किया जाना था, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका।
6 करोड़ का जारी किया गया था बजट
मालूम हो कि हाईवे पर स्थित रेवतीपुर के समीप दो और पकड़ी के पास एक इन तीनों पुलियों के नवनिर्माण को लेकर शासन के द्वारा विगत दिसम्बर माह में ही छह करोड़ का टेंडर जारी का बजट आवंटित कर दिया गया था, मगर महकमें की लापरवाही के कारण इसका निर्माण सात माह बाद शुरू हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि बनाए गए इस वैकल्पिक मार्ग की चौड़ाई काफी कम होने से वाहनों के आवागमन में दिक्कतें हो रही, मांग किया कि इस मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई जाए, ताकि वाहन एक दूसरे के बगल से सुगमता से आ जा सके।
बड़े मालवाहकों वाहनों के दबाव के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त
ग्रामीणों के अनुसार 2016 में तत्कालीन सपा शासन में बिहार को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण सीसी तकनीकी से बनने वाले मार्ग की 245 करोड़ की लागत निर्माण कार्य शुरू हुआ। जिसका निर्माण 2019 जून माह में पूरा हो गया। मार्ग के निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था ने नये पुलियों का निर्माण किए जाने के बजाए, इन तीनों जगहों पर पुराने जर्जर पुलियों के ऊपर से ही मार्ग का निर्माण कर दिया गया, जिसके बाद मार्ग पर बड़े मालवाहकों वाहनों के दबाव के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त होती चली गई। एनएच वाराणसी डिवीजन के सहायक अभियंता आशीष पाल ने बताया कि निर्माण तेजी से जारी है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा।