बीते 31 अगस्त को सैदपुर नगर स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में आग लगने से लाखों रुपए का नुकसान हो गया था। इससे फैली आग ने अगल-बगल स्थित तीन और दुकानों को अपनी जद में ले लिया। नुकसान के बाद सैदपुर में लगातार उठ रही फायर स्टेशन की मांग के मद्देनजर सैदपुर के विधायक अंकित भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर, सैदपुर के नसीरपुर गांव स्थित अर्ध निर्मित फायर स्टेशन के निर्माण की मांग की।
सैदपुर नगर जनपद के पश्चिमी छोर पर जिला मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहीं से वाराणसी जनपद की सीमा प्रारंभ होती है। वाराणसी जनपद मुख्यालय भी सैदपुर से लगभग 38 किलोमीटर दूर है। ऐसी परिस्थिति में इस क्षेत्र में अगलगी की घटना होने पर जिला मुख्यालय या वाराणसी से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के आने में डेढ़ से 2 घंटे लग जाते हैं। तब तक आग विकराल रूप लेकर, जन-धन का भारी नुकसान कर चुकी होती है।
6 वर्ष से पड़ा है फायर स्टेशन का निर्माण अधूरा
क्षेत्र के लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 में सैदपुर के नसीरपुर गांव में शासन ने 4 करोड़ 86 लाख रुपयों से फायर स्टेशन का निर्माण शुरू कराया। इस दौरान एक करोड़ 86 लाख रुपया अवमुक्त भी कर दिया गया। इस स्टेशन में अलग-अलग स्तर के 26 कमरे, पंप गृह, ओवरहेड टैंक सहित चार दिवारी बनवाया जाना था। लेकिन 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के बाद, इसका निर्माण वर्ष 2016 में रोक दिया गया। इसके बाद से आज तक इसका अधूरा निर्माण ऐसे ही पड़ा है।
4 वर्ष पूर्व दुकान की अगलगी में व्यवसाई की हो गई दर्दनाक मौत
4 वर्ष पूर्व नगर के कपड़ा व्यवसाई रजनी झुनझुनवाला उर्फ विक्की की दुकान में आग लग गई। दुकान के ऊपर ही व्यापारी का परिवार भी रहता था। तत्काल फायर स्टेशन को फोन किया गया। लेकिन जब तक दमकल की गाड़ी आती तब तक व्यापारी रजनीश सहित उसकी पूरी दुकान जलकर खाक हो चुकी थी। इसमें व्यापारी की दर्दनाक मौत के साथ, लगभग 70 लाख रुपए का सामान भी जल गया।
1 सप्ताह पूर्व 50 लाख का जल गया इलेक्ट्रॉनिक सामान, बाल-बाल बचा परिवार
इसी प्रकार बीते 31 अगस्त को सैदपुर नगर के इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी सुनील जायसवाल उर्फ कल्लू की दुकान में रात के समय अचानक आग लग गई। दुकान के ऊपर ही व्यापारी का परिवार रहता था। आग विकराल रूप लेने लगी, ऐसी परिस्थिति में किसी तरह व्यापारी के परिवार को पीछे के रास्ते सुरक्षित घर से बाहर निकाला गया। जिला मुख्यालय से घटनास्थल पर दमकल पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे लग गए। इससे पहले ही स्थानीय युवकों ने नगर पंचायत और पुलिसकर्मियों के सहयोग से लगभग 70% आग पर काबू पा लिया। इसमें व्यापारी को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
किसानों को भी उठाना पड़ता है नुकसान
क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं की खेती करते हैं। भीषण गर्मी के समय आए दिन क्षेत्र के खेतों में अगलगी की घटनाएं होती रहती हैं। जिसमें स्थानीय लोगों को अपने ही संसाधन से आग पर काबू पाना पड़ता है। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आते-आते भारी नुकसान हो चुका होता है। इसी प्रकार पूरे क्षेत्र में कहीं भी आग लगी की घटना होने पर मुख्यालय से दूरी ज्यादा होने के कारण, सैदपुर में दमकल वाहन पहुंचने में काफी देर हो जाती है।