गाजीपुर जिले के भांवरकोल क्षेत्र के बीरपुर गांव में गागर ( ढाब नींबू ) के पेड़ से फल तोड़ते समय नीचे गिरे बच्चे की थाली से गर्दन कटने से मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना से स्वजन और ग्रामीण सन्न हैं। नारायण राजभर के आंगन में गागर का पेड़ लगा हुआ है। उनका पांच वर्षीय पुत्र अंकुश राजभर मंगलवार को दीवार पर चढ़कर गागर तोड़ रहा था।
इस दौरान वह अनियंत्रित होकर नीचे चूल्हे पर रखी थाली पर गिर गया। स्टील की थाली की बार से अंकुश की आधे से अधिक गर्दन कट जाने के कारण घटनास्थल पर ही हो गई। स्वजन ने बिना पुलिस को बताए उसका अंतिम संस्कार गंगा किनारे कर दिया। वह दो भाइयों तथा दो बहनों में सबसे छोटा था। थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
घर के आंगन पर पेड़ पर आए दिन चढ़कर गागर (ढाब नींबू ) तोड़ने वाला अंकुश के लिए मंगलवार अमंगल साबित हुआ। स्वजन इस घड़ी को कोस रहे हैं, जब वह पेड़ पर चढ़ा और नीचे धोने के लिए रखी थाली पर वह गिर पड़ा।
नारायण राजभर राजमिस्त्री का काम करता है और उसकी पत्नी रीमा घर पर समीप के खेत में धन की सोहनी करती है। मंगलवार को वह सोहनी कर खेत से घर पर आयी थी। इस बीच वह अंदर कुछ काम करने लगी। इस दौरान बेटा अंकुश घर में लिंटर तक बनाकर छोड़ा गया कमरा के सहारे दीवार पर चढ़कर गागर तोड़ने लगा। इस बीच पैर फिसलने से वह नीचे गिर गया। नीचे खाना खाने के बाद धोने के लिए थाली रखी हुई थी। दुर्भाग्य से वह थाली पर गिरा और थाली की बारी से उसकी आधी गर्दन कट गई।
मां की गोद में बेटा अंकुश ने तोड़ा दल
आवाज सुनकर बाहर आयी मां रीमा ने देखा तो बेटा लहूलुहान पड़ा हुआ था। कटी गर्दन से खून की तेज धार निकल रही थी। जैसे ही मां ने अस्पताल ले जाने के लिए बेटे को गोद में लिया वैसे ही उसने दम तोड़ दिया। नारायण राजभर ने बताया कि बेटा अंकुश राजभर अक्सर लिंटर डालकर छोड़ा गया कमरा के सहारे चढ़कर गागर तोड़ता था, लेकिन किसी को क्या पता कि आज वही गागर मौत बनकर आया है। स्वजन इस घड़ी को कोस रहे हैं। इस घटना से स्वजन व पूरा गांव स्तब्ध है।