कासिमाबाद में एंबुलेंस कर्मियों ने जच्चा-बच्चा की जान बचा ली। प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती को लेकर एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था। इस बीच अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती की हालत बिगड़ने लगी। कर्मियों के सहयोग से महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया।
कासिमाबाद क्षेत्र के उजरी भांग्वल गांव निवासी मारकंडे कुमार की पत्नी सुशीला देवी को मंगलवार की देर रात प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने तत्काल 108 एंबुलेंस को फोन किया।
सीएचसी लेकर जा रही थी एंबुलेंस
एंबुलेंस कुछ ही देर में पहुंच गई। इसके बाद परिजन गर्भवती को बैठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाने लगे। अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की हालत और बिगड़ने लगी। इस पर एंबुलेंस के चालक संजय खरवार, ईएमटी प्रमोद कुमार आदि ने परिजनों की सहमति से एंबुलेंस में ही प्रसव कराने का फैसला लिया। सुशीला देवी ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया।
जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ
परिजनों के अनुसार जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इएमटी प्रमोद कुमार ने बताया कि सुशील की हालत एंबुलेंस में ज्यादा बिगड़ गई थी। देरी से लगातार हालत बिगड़ रही थी। इस पर एंबुलेंस में ही प्रसव कराने का फैसला लिया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को लेकर कासिमाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। चिकित्सकों की जांच में दोनों स्वस्थ पाए गए।