गाजीपुर जिले के जमानिया नगर सहित ग्रामीण इलाकों में तमाम प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही है। शासन के द्वारा तीन दशक पहले लोगों तक समय से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब बीस करोड़ की लागत से कुल 52 मातृ शिशु कल्याण उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। लेकिन इनमें से 32 केन्द्र पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। जिससे कि महिलाओं को चिकित्सा सुविधा के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है।
जमानियां तहसील क्षेत्र की कुल आबादी करीब साढ़े तीन लाख है, 130 गांव वाले इस क्षेत्र में 20 ही मातृ शिशु कल्याण उपकेन्द्र सही हालत में हैं। लेकिन, हैरानी की बात है कि इनमें से आधा दर्जन एएनएम के पद पिछले एक साल से रिक्त पड़े हुए हैं। इनकी जगह नए कर्मचारियों की तैनाती न किए जाने से इन केन्द्रों पर ताले लटक रहे हैं।
शासन को भेजा जा चुका है प्रस्ताव
महकमे के जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते जर्जर हो चुके इन 30 भवनों के कायाकल्प के लिए पांच साल पहले एक करोड़ का शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लेकिन, आज तक इस पर हरी झंडी न मिलने से भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में खंडहर में तब्दील होते जा रहे है। सविता, देवंती, बलिराम प्रजापति, कृष्णानंद राय, रामभजन, जंग बहादुर आदि महिलाओं व पुरुषों ने बताया कि जो भवन जर्जर हो चुके हैं। वह आवारा मवेशियों के लिए शरणगाह बन चुके हैं। यह जर्जर भवन कब धाराशाही हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप
इस कारण से गर्भवती महिलाओं, युवतियों, नौनिहालों को टीकाकरण के लिए भी दूसरे केंद्रों की शरण लेनी पड़ती है। साथ ही प्रसव के लिए भी दूसरे केन्द्रों पर जाना पडता है। बावजूद जनप्रतिनिधि से लगा विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। इस संबंध में सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह ने बताया कि जर्जर भवनों का जल्द कायाकल्प कराया जायेगा, ताकि लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके।