विकास खंड के पचौरी ग्राम पंचायत में विकास कार्य ठप पड़ गया है। जिससे गांव के अंदर करें 3 किमी तक के चकरोड पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। जिसे ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। बुधवार को ग्रामीणों ने समस्याओं से अजीज आकर ग्राम प्रधान व सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांव के गोपाल पटेल के दरवाजे से घनश्याम कुशवाहा के दवाई तक करीब 1 किलोमीटर की सड़क कई सालों से जर्जर हो चुकी है। सड़कों के बीच में गड्ढे व कीचड़ से स्थिति बद से बदतर बनी हुई है। शिकायत के बावजूद संबंधित जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं। जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि आज गांव में प्रधान को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर जल्द से जल्द सड़क निर्माण कराने की मांग की गई है। अगर समस्या का हल नहीं हुआ तो हम सभी तहसील मुख्यालय पर भी प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
6000 से अधिक आबादी निवास करती है
650 घर वाले इस गांव में 6000 से अधिक आबादी निवास करती है। जिसमें करीब 2600 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर विभिन्न चुनावों में गांव के विकास के लिए अपनी भागीदारी निभाते हैं। जिसमें करीब 1000 से ऊपर महिला मतदाता भी शामिल है। गांव के पंचायत भवन से लेकर माइनर 1 तक की सड़क पूरी तरह से झील में तब्दील हो गई है।
क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना चुनाव के बाद नजर नही आते नेता
क्षेत्रीय ग्रामीण साधु सिंह, मोहन कुशवाहा, योगेश कुमार, विकास सिंह, डॉक्टर नीरज दयाल, वंश नारायण उपाध्याय, श्याम सुंदर, सोनू सिंह आदि ने बताया कि चुनाव के वक्त क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि बड़े और मनभावन वादे करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद वह गांव की तरफ देखते भी नहीं है।
ग्रामीणों ने कहा कि गांव विकास के नाम पर हमें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिली है। जिससे विषम परिस्थितियों में गांव में आवागमन कर पाना भी संभव नहीं होता।