इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान से स्नातक करने वाले छात्र अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हो रहे परिवर्तन का अध्ययन करेंगे। इविवि में नई शिक्षा नीति ( NEP - New Education Policy ) के तहत शैक्षिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
नए पाठ्यक्रम की मंजूरी के लिए संशोधन का प्रस्ताव इविवि की एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) के समक्ष रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद यह विधिवत पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगा। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं डीन सीडीसी प्रो. पंकज कुमार ने बताया कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत एक साल में छात्र को सार्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री एवं चौथे साल में आनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।
चार साल के स्नातक पर एक साल में पीजी की डिग्री
खास यह कि चार साल में स्नातक करने वालों को परास्नातक की डिग्री एक साल में ही मिल जाएगी। प्रथम सेमेस्टर में एक कोर विषय और तीन फाउंडेशन विषय की पढ़ाई करनी होगी। वहीं, द्वितीय सेमेस्टर में एक कोर और इलेक्टिव, तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर में कोर और इलेक्टिव के एक-एक विषय की पढ़ाई होगी।
पांचवें और छठवें में दो कोर और एक इलेक्टिव और सातवें सेमेस्टर में तीन कोर विषय की पढ़ाई करनी होगी। आठवें सेमेस्टर में एक टूर अथवा प्रोजेक्ट वर्क छात्रों को करना होगा। छात्रों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा का शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा।
स्नातक में छह नए पाठ्यक्रम
प्रो. कुमार ने बताया कि चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में छह नए पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। भारतीय संविधान संवाद, भारतीय राज्यों की राजनीति, लिंग विमर्श, स्थानीय सुशासन, पर्यावरण राजनीति विज्ञान, नागरिकता एवं सुशासन आदि विषय छात्रों को पढ़ाया जाएगा। भारतीय राज्यों की राजनीति के अंतर्गत कश्मीर में 370 हटने के बाद हुए परिवर्तन के साथ ही अन्य राज्यों की स्थिति का भी अध्ययन करना होगा।