पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों की तैनाती न होने से पशुपालकों को काफी दुश्वारियां हो रही है। सेवराई तहसील क्षेत्र के करीब 20000 से ऊपर पशुपालक अपने पशुओं के निरोगी काया के लिए प्राइवेट चिकित्सकों वह पशु मित्रों का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं पशु चिकित्सालय पर डॉक्टरों की तैनाती न होने से इस समय लंपी बीमारी से बचाने के लिए पशुपालक परेशान नजर आ रहे हैं।
गहमर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर सिंह ने बताया कि कई बार क्षेत्रीय उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को पशु चिकित्सालय भदौरा और गहमर में चिकित्सकों की तैनाती करने का मांग पत्र सौंपा गया है। बावजूद इसके महीनों से यह पद रिक्त पड़ा हुआ। एशिया के सबसे बड़े और सैनिक बाहुल्य गांव होने के कारण गहमर में पशुपालकों की संख्या काफी तादात में है। बावजूद इसके महज एक पशु चिकित्सालय स्थापित किया गया है, जिस पर भी पशु चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है।
एक चिकित्सक के भरोसे कई पदभार
विभागीय आंकड़ों की पर गौर करें तो भदौरा ब्लाक क्षेत्र में गोवंशीय (गाय) पशुओं की संख्या 11125 जबकि महिष वंशीय (भैंस) पशुओं की संख्या 18887 पंजीकृत है। जिसके अनुसार क्षेत्र में कुल तकरीबन 30012 पशु का पंजीकृत किया गया है। भदौरा पशु चिकित्सालय का दिलदारनगर के पशु चिकित्सक को ही पदभार दिया गया है। वही रेवतीपुर चिकित्सक को गहमर का पदभार दिया गया है। भदौरा पशु चिकित्सालय पर ही रोजाना तकरीबन 2 दर्जन से अधिक पशुपालक अपने पशुओं के इलाज हेतु आते हैं।
पशु चिकित्सालय पर चिकित्सकों की तैनाती की मांग
क्षेत्रीय पशुपालकों ने उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गहमर और भदौरा पशु चिकित्सालय पर जल्द से जल्द चिकित्सकों की तैनाती करने की मांग की है। इसके साथ ही पशुओं में फैल रहे लंपी बीमारी के टीकाकरण के लिए भी अपील किया है।
एसडीएम ने दिया भरोसा
इस बाबत उप जिलाधिकारी सेवराई राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि नवागत जिलाधिकारी ने कार्य भार संभाला है। जल्द ही उनके सामने पशु पालकों की समस्याओं को रखते हुए चिकित्सकों की तैनाती के लिए सकारात्मक प्रयास किए जायेंगे। लम्पी बीमारी से बचाव के लिए विभाग के तरफ से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।