सेवराई में गंगा के बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती इलाकों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। इसी के साथ प्रशासन के राहत और बचाव कार्यों की भी पोल खुल गई है। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए नाव चलवा रहा है। जबकि लोगों ने कई घंटों के इंतजार के बाद नाव मिल पा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था कराई गई है। दूसरे गांव में नाव चले जाने के कारण 4-4 घंटे तक लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है।
कई गांवों में बिजली आपूर्ति बंद
बाढ़ प्रभावित गांव नसीरपुर, हसनपुरा, नगदिलपुर, विरउपुर, अठहठा आदि गांव में सुरक्षा के दृष्टिकोण से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। ग्रामीणों को और ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ रहीं हैं। नतीजा यह है कि बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों का मोबाइल बंद होने के कारण लोगों का एक-दूसरे से संपर्क टूट चुका है। आवागमन के लिए महज नाव ही सहारा है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली आपूर्ति ना होने से घरों में अंधेरा छाया रहता ह। पूरी रात अंधेरे में बितानी पड़ती हैं। चारों तरफ पानी हो जाने के कारण पशु चारा की भी किल्लत हो गई है।
6 सौ पैकेट का किया वितरण
बाढ़ राहत केंद्र कामाख्या धाम पर नसीरपुर गांव को वितरण के लिए प्रशासन के द्वारा 600 राहत पैकेट भेजे गए। एडीओ पंचायत ने बताया कि वितरण के लिए प्रशासन द्वारा राहत पैकेट भिजवाया गया। कुछ लोगों के द्वारा कामाख्या धाम पुलिया के पास दुकान खोला गया है। यहां आने जाने वाले राहगीरों को जरूरत की सामान बिक्री की जा रही है।