बनारस नगरी का नाम खराब करने के लिए ऑटो सवार बदमाशों ने अपनी तरफ से खूब लूटपाट मचाया। और लूटपाट करने के बाद पीड़ितों को जमकर मारा पीटा भी। अन्य भुक्तभोगी तो मुकदमा और पुलिस की मदद से दूर रहे। लेकिन 27 जुलाई और और 5 अगस्त की लूट की घटना के शिकार श्याम नारायण यादव और आशीष सिंह ने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर कैंट अर्दली बाजार के चौकी प्रभारी सुनील कुमार गौड़ और कैंट थाने के क्राइम इंचार्ज हिमांशु त्रिपाठी ने सीसी फुटेज और सर्विलांस की मदद से लुटेरों को धर दबोचा।
पहली घटना... टेंपो सवार बदमाश कैंट स्टेशन से धानापुर निवासी श्याम नारायण यादव को मुगलसराय ले जाने के नाम पर ऑटो में बिठाए। और कैंट थाना क्षेत्र के अनौला मैदान में ले जाकर 7000 हजार रुपया और मोबाइल लूट लिया। उसके बाद श्याम नारायण को इतना मारा कि उसका पैर टूट गया। भुक्तभोगी किसी प्रकार थाने पहुंचकर मुकदमा लिखाया। हालांकि पैर टूट जाने की वजह से श्याम नारायण पुलिस जांच में मदद नहीं कर पा रहा था। जिससे पुलिस परेशान थी।
दूसरी घटना... 5 अगस्त को प्रयागराज से बस से लौटे पेट्रोल पंप कर्मी आशीष कुमार सिंह को भी मुगलसराय ले जाने के नाम पर घुमा फिराकर आटो सवार बदमाशों ने अनौला मैदान में 28000 रुपया और दो मोबाइल लूट लिया। और आशीष को भी डंडे से जमकर मारा पीटा।
जिससे उसके पैर सहित रीढ की हड्डी में गंभीर चोट आई। सूचना मिलते ही क्राइम टीम के प्रभारी हिमांशु त्रिपाठी ने आनौला स्थित एक घर में लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से ऑटो की पहचान की। उसके बाद कमांड सेंटर सिगरा से आने जाने वाले अन्य चौराहों के सीसी फुटेज को चेक किया। जिसमें ऑटो की पहचान हो गई। और सर्विलांस की मदद से सभी लुटेरों को बारी बारी से धर दबोचा। इनके पास से लूट की घटना में प्रयुक्त दो आटो, 9 मोबाइल सहित 13150 रुपया बरामद हुआ। साथ ही एक लकड़ी का गठीला डंडा, पीली धातु का टुकड़ा, एक बंडल नाजायज गांजा बरामद हुआ।
गिरफ्तार सभी अपराधी कांशीराम आवास शिवपुर के निवासी हैं। जिनका नाम मनीष कुमार, राजा उर्फ विजय, आशीष साहनी, रिंकू कुमार सुनील कुमार, रवि कुमार है।
घटना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीसीपी वरुणा आरती सिंह, एसीपी कैंट लखन सिंह यादव के द्वारा जानकारी दी गई। गिरफ्तार करने वाले पुलिस कर्मियों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अर्दली बाजार चौकी प्रभारी सुनील कुमार गौड़, प्रशिक्षु दरोगा हिमांशु त्रिपाठी, विनोद कुमार मिश्रा, विवेक सिंह, राजकुमार पांडेय, राजकुमार ,ब्रिज बिहारी ओझा, दुर्ग विजय, सचिन मिश्रा, राहुल सिंह यादव, दिलीप निषाद, प्रमोद चौहान,जितेंद्र यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे।
कैसे शिकार बनाते थे ऑटो सवार बदमाश
पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि कैंट स्टेशन के आसपास ऑटो में एक चालक और एक सवारी बनकर बदमाश बैठे रहते थे। सामने से आने वाले यात्री को जहां जाना रहता था, वही जाने की बात बता कर विश्वास में लेते हुए भाड़ा बताया जाता था। उसके बाद कुछ कदम आगे चलते ही अन्य दो साथी बदमाश भी सवारी बन कर बैठ जाते थे। और सुनसान जगह देखकर पहले यात्री को लूटते थे। उसके बाद डंडे से जमकर मारते पीटते थे। खासतौर पर पैर पर इसलिए मारते थे ताकि वह जब तक किसी को बताने के लिए पहुंचे तब तक बदमाश भाग चुके रहे।