पिछले कुछ दिनों से गंगा में आयी बाढ़ गाजीपुर के तटवर्ती लोगों के लिए दहशत और परेशानी का पर्याय साबित हो रही है। गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा के इस रौद्र रूप से आमजन और प्रशासन की नींद उड़ गई है। गाजीपुर की तीन तहसीलों के तमाम गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु को भी पार कर चुका है। क्योंकि, चंबल का ही पानी नहीं बल्कि पहाड़ों पर बीते दिनों हुई जोरदार बरसात के बाद भारी वेग का रुख भी मैदानी इलाकों की ओर हो चला है। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
63.300 मीटर पर बह रहा पानी
शुक्रवार सुबह 11 बजे के आंकड़ों के मुताबिक गाजीपुर में गंगा 2 सेंटीमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से बढ़ रही है। गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिले में गंगा 63.300 मीटर पर बह रही है। जबकि गाजीपुर में 63.105 मीटर पर खतरे का निशान है। ऐसे में बाढ़ को लेकर तटवर्तीय इलाकों में लोग भयभीत नजर आ रहे हैं।जबकि प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
बाढ़ राहत चौकियों को सतर्कता बरतने के निर्देश
प्रशासनिक अफसर लगातार हालातों पर नजर रखे हुए हैं। बाढ़ राहत केंद्रों और बाढ़ निगरानी चौकियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ राहत एवं बचाव के मद्देनजर जिले के सभी एसडीएम और जिम्मेदार अफसरों को खास निर्देश दिए गए हैं।
बाढ़ को लेकर तटवर्ती इलाको में दहशत का माहौल बना हुआ है। बाढ़ का ज्यादा असर गाजीपुर की जमानिया, सेवराई, मोहम्मदाबाद और करंडा क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।
डीएम बोले- हालातों पर बनी है नजर
केंद्रीय जल आयोग के साइट इंचार्ज मेराजुद्दीन ने बताया कि 2 से 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। वर्तमान में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिलाधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अधिकारियों कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों की सक्रियता बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है।