गाजीपुर में गंगा और चंबल सहित बांधों का 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गंगा का जलस्तर दो दिन पहले ही खतरा बिंदू पार कर चुका है। जिले में गंगा का पानी खतरे के निशान से पौना मीटर ऊपर बह रहा है। तमाम निचले इलाकों में गंगा का पानी बढ़ रहा है। अभी भी गंगा एक से दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रही है। गंगा में पानी बढ़ने से रेवतीपुर क्षेत्र सहित जिले के तमाम निचले इलाकों के सैकड़ों गांवों में पानी घुसने लगा है।
मोहम्मदाबाद विधायक सुहैब अंसारी ने सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र रेवतीपुर ब्लाक के ग्राम निरहूपुर, हसनपुरा, नसीरपुरा, अटहठा, नगदीलपुर, त्रिलोकपुर और रेवतीपुर गांव का नाव से भ्रमण कर बाढ पीड़ितों का हाल जाना। उन्होंने बताया कि हमारे विधानसभा के तीन ब्लाक भांवरकोल, मुहम्मदाबाद और रेवतीपुर सबसे ज्यादा गंगा के बाढ़ से प्रभावित है। इस क्षेत्र के किसान दोहरी दैविक आपदा से परेशान हो रहें है और भूखमरी के कगार पर आ गये है। सूखे के चलते धान की रोपाई नही हो पायी। इसके बाद गंगा के भीषण बाढ से किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है।
सूखाग्रस्त घोषित करने का लिखित मांग
बताया कि जिले के सारे विधायकों व सांसद ने सरकार से जिला सूखाग्रस्त घोषित करने का लिखित मांग किया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। अब जनपद में बाढ आ गया है जिससे किसान बेहाल है। कई गांवों के संपर्क मार्ग डूब चुके है। उन्होंने बताया कि भ्रमण के दौरान हर गांव में नाव की उपलब्धता दिखी, लेकिन पशुओं की चारे और भूसा के लिए किसान परेशान है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था
उन्होंने कहा कि सरकार के दो-दो मंत्री आये। हमे राहत पैकेज की उम्मीद थी। लेकिन राहत के नाम पर कोई पैकेज की घोषणा नहीं की गई। गौरतलब हो कि शनिवार को प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। जिले में गंगा के खतरा बिंदु पार करने के बाद लगातार जलस्तर में इजाफा जारी है। बाढ़ का पानी निचले इलाके में खेतों को डुबो चुका है। फसल डूब चुकी है तो चारे का अभाव हो चुका है।