जमानियां क्षेत्र में गंगा ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने ग्रामीणों सहित प्रशासनिक अधिकारियों को चिंतित कर रखा है। लोग अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने लगे हैं।
तटवर्ती इलाकों के दियरा क्षेत्र और गांव की ओर बाढ़ के बढते खतरे के मद्देनजर एसडीएम जमानियां भारत भार्गव और तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने आज क्षेत्र के सुहवल, मलसा, डेढगावां, डुहियां, जीवपुर आदि तटवर्ती गावों सहित बाढ़ चौकी, बाढ़ राहत शरणालय केन्द्रों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए।
तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा पानी
एसडीएम ने चेताया कि इस दौरा किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित गावों पर सतर्क नजर रखने और पल-पल की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देने का निर्देश दिया। एसडीएम के अनुसार जलस्तर में तीन से चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। बताया कि गंगा का खतरे का निशान 63.105 मीटर है, जबकि वर्तमान जलस्तर 63.180 मीटर तक पहुंच चुका है जो खतरे के निशान से उपर है।
राहत सामग्री और चारे का नहीं हुई इंतजाम
क्षेत्रीय तटवर्ती गांव के लोगों की मानें तो अब तक बाढ़ से 200 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने के साथ ही करीब 100 बीघे जमीन भी गंगा में विलीन हो चुकी है। इस कारण किसानों के सामने विकट स्थिति पैदा हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ से अब तक तटवर्ती इलाकों के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, प्रशासन के द्वारा अब तक राहत सामाग्री और जानवरों के चारे इंतजाम नहीं किए गये हैं।
कंट्रोल रूम का नंबर किया गया जारी
एसडीएम भारत भार्गव ने बताया कि जमानियां बाढ़ कंट्रोल रूम का नंबर 05497-252261 चौबीसों घंटे सक्रिय है किसी तरह की सूचना इस पर दी जा सकती है। एसडीएम ने चेताया कि कोई भी कर्मचारी बिना सूचना के बाढ चौकी,शरणालय राहत केन्द्र नहीं छोड़ेगा। प्रशासन के द्वारा 107 गांव बाढ़ प्रभावित गावं घोषित हैं, जिनमें से 25 गांव बाढ़ से अति प्रभावित घोषित है। बाढ़ को लेकर 41 बाढ़ चौकी, 6 बाढ़ राहत केन्द्र, 7 शरणालय बनाए गए हैं, जबकि चार दर्जन नाव अधिग्रहित की गई हैं।