स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। मुहम्मदाबाद के विधायक सुहेब अंसारी ने विधानसभा के चांदपुर गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडारोहण किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में मुहम्मदाबाद के सेनानियों अहम भूमिका
विधायक अंसारी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में गाजीपुर और खास तौर पर मुहम्मदाबाद के सेनानियों ने महती भूमिका रही है। यह उनके बलिदान का प्रतिफल ही है कि आज देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। हम सभी को देश के इन वीर सपूतों के आजादी में दिए अपने बलिदान के लिए कभी नही भूलना चाहिए।
8 सेनानियों से सीने पर खाई थी गोलियां
मुहम्मदाबाद तहसील पर तिरंगा लहराने को लेकर एक साथ 8 सेनानियों से सीने पर हस्ते-हस्ते गोलियां खाई थी। सभी शहादत देने वले सेनानी एक ही गांव शेरपुर के रहने वाले थे। इनकी स्मृति में हर साल 18 अगस्त को अष्ट शहीद स्मृति दिवस मनाया जाता है। शेरपुर के 8 सेनानी जिस दिन शहीद हुए उस दिन तारीख 18 अगस्त की थी और साल 1942 था। इसके अलावा गाजीपुर के नंदगंज इलाके में भी कुछ सेनानियों ने ट्रेन को लूटने की घटना को अंजाम दिया था।
वही कासिमाबाद में इलाके में अपने दौर के मशहूर कम्युनिस्ट नेता रहे सरजू पांडे ने अपने युवावस्था में आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेते हुए भीड़ की अगुवाई कर कासिमाबाद कोतवाली को आग के हवाले कर दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गाजीपुर के अलग-अलग हिस्से से ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करने की घटनाओं के तमाम उल्लेख मिलते हैं।