गाजीपुर पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा के राष्ट्रिय महासचिव राम गोपाल यादव पर निशाना साधा है। यही नहीं उन्होंने सिंगर नाज फरमानी पर भी अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता है।
राम गोपाल यादव की पैरवी पर उठाए सवाल
ओम प्रकाश राजभर ने रामगोपाल यादव और सीएम योगी की मीटिंग को लेकर सपा पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव अपने समधी की पैरवी के लिए सीएम योगी से मिले। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि पिछड़ो के साथ अन्याय हो रहा है। सपा के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया जाता है। उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव के समधी के ऊपर साफ साफ लिखा है कि वह भूमाफिया हैं। किसी के ऊपर 80 तो किसी के ऊपर 82 मुकदमें दर्ज है। ऐसे भूमाफिया की पैरवी करने रामगोपाल यादव सीएम योगी से मिलने जा रहे हैं। तो क्या उत्पीड़न के शिकार केवल रामगोपाल यादव के समधी ही हैं। आजम खान के साथ साथ कई जातियों के लोग भी उत्पीड़न के शिकार हैं तो उनके लिए क्यों नहीं पैरवी की।
अपने समधी की पैरवी के लिए मिले थे रामगोपाल यादव
दो दिन पहले रामगोपाल यादव ने एटा के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके परिवार वालों पर किए गए मुकदमों की निष्पक्ष जांच CBI और SIT से कराने की मांग की थी। बता दें, एटा के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई जोगिंदर यादव को 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से टिकट मिला था। रामेश्वर और जोगिंदर यादव के बारात घर को प्रशासन ने तोड़ा था। साथ ही रामेश्वर और जोगिंदर यादव की ईंट भट्टे में पानी डालने का आरोप भी लगा था।
दोनों भाइयों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई हुई है। रामेश्वर यादव और जोगिंदर सिंह राम गोपाल यादव के रिश्तेदार हैं। सीएम योगी से मुलाकात के बाद सपा की ओर से एक ट्वीट किया गया था। जिसमें बताया, "प्रदेशभर में पिछड़ों और मुसलमानों पर एकतरफा फर्जी मुकदमे दर्ज कर उनके उत्पीड़न के संदर्भ में बात की।" आगे लिखा, "सरकार फर्जी मुकदमे वापस ले।"
हर-हर शंभू गाने वाली फरमानी के समर्थन में राजभर
हर-हर शंभू भजन गाने वाली मुस्लिम लोक गायिका को लेकर मुस्लिम उलेमाओं के द्वारा फतवा जारी करने के मामले पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। कलाकार कलाकार होता है। ऐसा जो लोग कह रहे हैं वह नासमझ लोग हैं। कोई भी फिल्म बनती है तो उसमें सभी जाति और धर्म के लोग होते हैं। फिल्म शोले का का नाम लिया जाए तो उसमें भी सभी जातियों धर्म के लोग हैं। उसे क्यों लोग देखते हैं। उनके पात्रों को क्यों नहीं विरोध करते हैं। ऐसे कई जीव है जो सिर्फ विरोध का नाम लेकर ही जिंदा है।
उलेमाओं के निशाने पर हैं नाज फरमानी
सहारनपुर के देवबंद में सिंगर फरमानी नाज की शिवभक्ती उलेमाओं को रास नहीं आ रही है। उनके भगवान भोले पर गाए गीत को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नाराजगी जाहिर की हैl उलेमाओं का कहना है कि इस्लाम धर्म में नाच-गाना जायज नहीं है। यह हराम है।